Kashi Vishwanath Corridor Extension: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का होगा विस्तार, तिरुपति बालाजी की तरह बनेगा अपना प्रसाद
Kashi Vishwanath: वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का विस्तार होगा। आसपास के कुछ भवनों को इसमें शामिल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त एक मंदिर तक पहुंचने वाले रास्ते को भी चौड़ा किया जाएगा। इसकी अनुमति मिल गई है। इसके चौड़ीकरण को लेकर बहुत जल्द कवायद शुरू की जाएगी। इतना ही नहीं यहां अपने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में बना प्रसाद मिलेगा। अभी श्रद्धालु मंदिर परिसर के बाहर से प्रसाद खरीदते है।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का होगा विस्तार
मुख्य बातें
- मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कॉरिडोर विस्तार के प्रस्ताव पर लगाई मुहर
- अतिथि गृह और कुछ भवनों को कॉरिडोर में किया जाएगा शामिल
- फिलहाल 5 लाख वर्ग फीट है कॉरिडोर का क्षेत्रफल
Kashi Vishwanath Corridor: श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का अब दायरा बढ़ेगा। मंदिर परिसर के पास के अतिथि गृह समेत कुछ भवनों को कॉरिडोर का हिस्सा बनाया जाएगा। यह पांच हजार वर्ग फीट में फैला है। वहीं, कॉरिडोर का क्षेत्रफल 5 लाख वर्ग फीट है। इसके साथ ही शक्तिपीठ विशालाक्षी मंदिर जाने वाले रास्ते को चौड़ा किया जाएगा। इसको लेकर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने अनुमति दे दी है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि तिरुपति बालाजी मंदिर की तरह काशी विश्वनाथ धाम का भी अपना प्रसाद बनाया जाए। प्रसाद का स्वाद एवं उसकी गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखा जाए। प्रसाद में इस्तेमाल होने वाली सामग्री बेहतर हो।
मुख्य सचिव ने कहा कि मंदिर परिसर में जहां चारदीवारी नहीं है, वहां तत्काल निर्माण कराया जाए। मंदिर परिसर स्थित सभी भवनों के नामकरण वैदिक रूप से किया जाना चाहिए। इस दौरान मंदिर परिसर सभागार में वाराणसी डिजिटल गैलरी से जुड़ी संस्था ने प्रोजेक्टर के जरिए फ्यूचरिस्टिक आर्टिफिशियल कांसेप्ट की जानकारी दी।
दो भवनों को खरीदकर मंदिर की सुरक्षा होगी और पुख्ताउच्चाधिकारी ने कहा कि अतिथि गृह का सुंदरीकरण कराकर गेस्ट हाउस के रूप में संचालित करें। इसके साथ ही मंदिर परिसर की ओर दरवाजे वाले एक-दो भवन को खरीदकर धाम की सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता की जाए। वाहनों की पार्किंग के लिए जगह विस्तार पर जोर दिया। कहा कि इसके लिए स्थल चिह्नित किया जाए। इस पर मंडलायुक्त ने जानकारी दी है कि मंदिर परिसर के अधिकतर भवनों के संचालन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जल्द मंदिर के सभी भवनों का इस्तेमाल शुरू होगा।
रत्नेश्वर मंदिर का होगा संरक्षणमुख्य सचिव ने मणिकर्णिका एवं हरिश्चंद्र घाट सुधार परियोजना और रत्नेश्वर महादेव मंदिर के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि रत्नेश्वर महादेव मंदिर के संरक्षण की कार्ययोजना तैयार की जाए। इसकी खासियत देश और दुनिया को बताई जानी चाहिए। उन्होंने मंदिर के आसपास के गंगा घाटों की व्यवस्था बेहतर बनाने पर भी चर्चा की। अधिकारियों से कहा कि मंदिर परिसर के आसपास के गंगा घाटों पर सैलानियों के बैठने की व्यवस्था और बेहतर करें। इसके अतिरिक्त साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। गंगा स्नान में श्रद्धालुओं को कोई परेशानी या जोखिम नहीं रहे। इस पर अधिकारियों ने भरोसा दिलाया की इन सभी कार्यों पर लगातार योजना बनाई जा रही है। बहुत जल्द कई विकास कार्य पूरे भी करा लिए जाएंगे।
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