Devi Mandir in Varanasi: काशी में हैं मां दुर्गा के नौ रूपों के मंदिर, नवरात्रि में दर्शन पूजन से बरसती है कृपा

Navratri 2023 Durga Mandir in Varanasi: काशी का नाम आते ही भगवान भोलेनाथ का जिक्र होता है। बनारस को बाबा की नगरी कहा भी जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि काशी पर मां दुर्गा की भी कृपा है। यहां कई ऐसे दुर्गा मंदिर हैं जिनकी महिमा दूर दूर तक फैली है।

Devi Mandir in Varanasi: काशी में हैं मां दुर्गा के नौ रूपों के मंदिर, नवरात्रि में दर्शन पूजन से बरसती है कृपा
Navratri 2023 Durga Mandir in Varanasi: काशी का नाम आते ही भगवान भोलेनाथ का जिक्र होता है। यहां बाबा विश्वनाथ का भव्य मंदिर है जिसे यूपी सरकार ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का नाम दिया है। काशी घूमने आने वाले लोग बाबा विश्वनाथ, काल भैरव के दर्शन करने जरूर जाते हैं। बनारस को बाबा की नगरी कहा भी जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि काशी पर मां दुर्गा की भी कृपा है। यहां कई ऐसे दुर्गा मंदिर हैं जिनकी महिमा दूर दूर तक फैली है। खास बात ये है कि काशी में मां दुर्गा के नौ रूपों के मंदिर हैं। माता शैलपुत्री से लेकर सिद्धिदात्री माता तक का यहां मंदिर है। नवरात्रि के पर्व पर काशी के प्रमुख दुर्गा मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया जाता है। तो आइये जानते हैं काशी में कौन से प्रमुख दुर्गा मंदिर हैं।

शैलपुत्री मंदिर वाराणसी Shailaputri

वाराणसी के मरहिया घाट पर है शैलपुत्री मंदिर। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री प्रकृति माता का पूर्ण रूप है। शैलपुत्री को हिमालय की पुत्री भी माना गया है। माता की सवारी नंदी बैल है।

ब्रह्मचारिणी मंदिर वाराणसी Brahmacharini

नवरात्रि के दूसरे दिन श्वेत वस्त्र धारण किए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. ब्रह्मचारी का अर्थ है- ऐसा पुरुष जो आश्रम में निवास करता है। और ऐसी स्त्री जो पवित्र धार्मिक ज्ञान का पीछा करती है।

चन्द्रघंटा मंदिर वाराणसी Chandraghanta

तीसरे दिन देवी के चंद्रघंटा रूप को पूजा जाता है, जिसका अर्थ है घंटी के आकार का आधा चांद। चंद्रघंटा देवी को बहादुरी और साहस की देवी के रूप में भी जाना जाता है। वाराणसी एक मात्र ऐसा स्थान है जहां देवी के नौ रूपों में सभी के मंदिर स्थापित हैं।

कूष्मांडा देवी मंदिर Kushmanda

चौथे दिन पूजा की जाने वाली देवी स्वरूप मां कूष्मांडा का मंदिर वाराणसी के रामनगर में स्थित है। जिसका निर्माण बंगाल की महारानी ने 18 वीं शताब्दी में कराया था।

स्कंदमाता मंदिर वाराणसी Skandmata

पांचवें दिन स्कंदमाता के रूप में देवी की पूजा की जाती है वाराणसी में स्कंदमाता को वागेश्वरी देवी के नाम से भी जाना जाता है। वाराणसी के जगतपुरा क्षेत्र में स्थित स्कंदमाता मंदिर में लोग संतान उत्पत्ति की आशा से जाते हैं।

कात्यायनी मंदिर वाराणसी Katyayni

छटे दिन कात्यायनी माता का पूजन किया जाता है, वाराणसी के सिंधिया घाट पर स्थित है कात्यायनी माता मंदिर। पुजारी बताते हैं कि कात्यायनी देवी को काशी विश्वनाथ यानी महादेव की आत्मा के रूप में जाना जाता है।

कालरात्रि मंदिर वाराणसी Kaalaratri

दुर्गा के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि को वीरता और साहस की देवी कहा जाता है, वाराणसी के मीरघाट क्षेत्र में कालिका गली में स्थित है मां कालरात्रि मंदिर जहां लोग बलि स्वरूप नारियल माता को चढ़ाते हैं।

महागौरी मंदिर वाराणसी Mahagauri

आठवें दिन दुर्गा के स्वरूप महागौरी का पूजन किया जाता है वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित अन्पूर्णा देवी को ही महागौरी की मान्यता दी गयी है।

सिद्धिदात्री मंदिर वाराणसी Siddhidatri

नवरात्रि के नौवें दिंन माता सिद्धिदात्री के पूजन का विधान है, वाराणसी के मैदागिन गोलघर इलाके में सिद्ध माता गली में स्थित है सिद्धिदात्री मंदिर इसकी पूजा अर्चना करने के बाद ही लोग अपने नवरात्रि व्रत को पूर्ण करते हैं।
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कुलदीप राघव author

कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बुलंदशहर जिले के छोटे से कस्बे खुर्जा का रहने वाला ह...और देखें

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