Varanasi Ganga: गंगा में जहाजों का संचालन और होगा बेहतर, 14 किमी होगी ड्रेजिंग

Varanasi Ganga River Dredging: गंगा नदी में परिवहन को बढ़ावा दिया गया है। जल मार्ग परिवहन को सुगम बनाने के लिए अब नदी की ड्रेजिंग कराई जाएगी। इसके लिए पहले सर्वे कराया गया था, जिसमें पाया गया था गंगा की जमीन पथरीली हो गई है। गंगा की ड्रेजिंग के लिए प्राधिकरण से मंजूरी भी ले ली गई है। अगले महीने तक कागजी कार्यवाही भी पूरी कर ली जाएगी।

वाराणसी में बह रही गंगा नदी, जिसकी होगी ड्रेजिंग

मुख्य बातें
  • गंगा नदी की पथरीली भूमि की होगी ड्रेजिंग
  • भारतीय अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण से मिली मंजूरी
  • सिल्ट के जमाव से गाजीपुर में जमीन हुई है पथरीली

Varanasi News: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हाल के महीनों में गंगा नदी में बड़े जहाजों का संचालन शुरू किया गया है। इसके अलावा माल ढुलाई के लिए जल मार्ग काफी सस्ता एवं सुगम माना जा रहा है। ऐसे में नदी में जहाजों को सुगम संचालन को लेकर कवायद तेज हो गई है। इसके तहत गंगा नदी की पथरीली जमीन की ड्रेजिंग कराई जानी है। भारतीय अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण ने ड्रेजिंग के लिए मंजूरी भी दे दी है। फरवरी के अंत तक सभी औपचारिकता पूरी कर ली जाएगी। इस बारे में जल मार्ग प्राधिकरण वाराणसी का कहना है कि गंगा नदी में पथरीली परत की जानकारी के लिए सर्वे कराया गया था। यह सर्वे वाराणसी से गाजीपुर तक हुआ।

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सर्वे में इस रूट पर जहाज चला, जिसमें पता चला की नदी की पेटी में पथरीले क्षेत्र हैं। सिल्ट जमने के कारण गाजीपुर में जमीन उथली हो चुकी है। 14 किलोमीटर में पथरीली परत जमी है। गर्मी के मौसम में गंगा नदी का जल स्तर कम हो जाता है, तब जहाजों के संचालन में काफी परेशानी उत्पन्न हो गई। फिर प्राधिकरण के अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गई थी। अब ड्रेजिंग की मंजूरी आ गई है।

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जल स्तर में भी होगा सुधारगंगा में ड्रेजिंग से नदी किनारे बसे शहर के अंडरग्राउंड जल स्तर में भी सुधार हो जाएगा। नदी में लंबे समय के बाद ड्रेजिंग होनी है। अगर, ड्रेजिंग नहीं कराई गई तो नदी में सिल्ट जमा होता रहेगा। उम्मीद है कि ड्रेजिंग कराने के बाद जल स्तर ठीक होने से क्षेत्र में जल संकट की भी समस्या समाप्त हो जाएगी। दूसरी ओर जहाज बिना किसी रुकावट के सभी मौसम में संचालित हो पाएंगे।

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