देश में पहली बार स्टेट फिश चिताला की रिवर रैचिंग, वाराणसी की गंगा नदी में होगा ये अहम काम

वाराणसी की गंगा नदी में लगभग एक लाख चिताला मछलियों की अंगुलिकाएं छोड़ी जाएंगी, रिवर रैचिंग से नदियों की पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत रखने, गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने और मत्स्य पलकों आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी।

River Ranching of State Fish Chitala in Varanasi Ganga River

वाराणसी की गंगा नदी में लगभग एक लाख चिताला मछलियों की अंगुलिकाएं छोड़ी जाएंगी

River Ratching in Varanasi Ganga River: देश में पहली बार गंगा में राज्यमीन (स्टेट फिश ) चिताला की रिवर रैचिंग की जाएगी। नदियों की पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत रखने और गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने में रिवर रैचिंग मददगार साबित होगी । चिताला मछली बड़े तादात में मछुआरों की आजीविका में सहायक होती है। रिवर रैचिंग कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला व कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मत्स्य मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद करेंगे, रिवर रैचिंग वाराणसी के रविदास घाट पर 5 सितंबर को आयोजित होगी।

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मत्स्य विभाग के विशेष सचिव व निदेशक प्रशांत शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहली बार स्टेट फिश चिताला की रिवर रैचिंग की जाएगी। इस मौके पर वाराणसी में गंगा नदी में लगभग 1 लाख चिताला मछलियों की अंगुलिकाये छोड़ी जाएंगी। रिवर रैचिंग का कार्यक्रम 5 सितम्बर को सुबह 10 बजे रविदास घाट पर आयोजित होगा।

'चिताला मछली की रिवर रैचिंग से नदियों में इनकी संख्या में वृद्धि होगी'

विशेष सचिव मत्स्य विभाग ने बताया कि चिताला मछली की रिवर रैचिंग से नदियों में इनकी संख्या में वृद्धि होगी, जिससे नदियों में पारस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी। मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि होगी। साथ ही मछली खाने वाले लोगो को प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार उपलब्धता भी बढ़ेगी।

निदेश मत्स्य प्रशांत शर्मा ने बताया कि राज्यमीन (स्टेट फिश ) चिताला को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) ने नियर थ्रीटेंड की श्रेणी में सम्मिलित किया है। इसके संवर्धन और संरक्षण के लिए सरकार रिवर रैचिंग का कार्यक्रम आयोजित कर रही है।

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