Online Darshan of Baba Vishwanath: शिव भक्त आनलाइन भी करेंगे बाबा विश्वनाथ के दर्शन, इतने हजार लोगों ने कराई है बुकिंग

Online darshan of Baba Vishwanath on Mahashivaratri: शनिवार को महाशिवरात्रि पर वाराणसी में लाखों शिव श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करते हैं। देश भर से लोग महाशिवरात्रि पर पूजा करने के लिए लोग आते हैं। वहीं, देश के अलग-अलग हिस्सों एवं विदेश में रह रहे श्रद्धालु ऑनलाइन भगवान विश्वनाथ का दर्शन करते हैं। इसके लिए अलग-अलग वेबसाइट के माध्यम से श्रद्धालुओं ने बुकिंग करवाई है।

baba vishwanath

बाबा विश्वनाथ मंदिर स्थित ज्योतिर्लिंग

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • अमेरिका, लंदन तक से लोगों ने भगवान की पूजा, शृंगार, लघु ऑनलाइन देखने के लिए कराई है बुकिंग
  • 1.20 लाख से अधिक लोगों ने कराई है बुकिंग
  • ऑनलाइन श्रद्धालु पूजा पद्धति भी करेंगे
Mahashivratri in Varanasi: महाशिवरात्रि पर वाराणसी में इंटरनेट के माध्यम से भी भगवान शिव का दर्शन-पूजन हो रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों एवं विदेश में रह रहे शिव भक्त बाबा विश्वनाथ एवं अन्य मंदिरों में ऑनलाइन दर्शन करेंगे। ऐसे भी हजारों श्रद्धालु हैं, जो विभिन्न प्रहरों की पूजा में ऑनलाइन शामिल होंगे। एक सप्ताह से इसकी बुकिंग चल रही थी। अलग-अलग वेबसाइटों की मदद से एक लाख 20 हजार से अधिक लोगों ने बुकिंग कराई है। इनमें से हजारों श्रद्धालु ऑनलाइन पूजा पद्धति भी कर रहे हैं। इसके लिए वेबसाइटों की ओर से विभिन्न मंदिरों से समन्वय बनाकर कैमरे लगाए गए हैं। देवसेवा डॉट कॉम, देवदर्शन, तीर्थ इंडिया, उत्सव, काशी यात्रा समेत दर्जन भर वेबसाइट ऑनलाइन पूजा करा रहे एवं दिखा रहे हैं।
महाशिवरात्रि पर चारों प्रहर की पूजा, भगवान भोलेनाथ का शृंगार, भस्माभिषेक और लघु रुद्र आदि के लिए लंदन और अमेरिका के लोगों ने बुकिंग कराई है। बता दें फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस महाशिवरात्रि पर शिव योग बन रहा है। इस वजह से यह महाशिवरात्रि बेहद खास है।

शिप योग रविवार की दोपहर 2:31 बजे तक रहेगा

17 फरवरी की रात 11:37 बजे से शनिवार की रात 8:03 बजे तक फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि है। शनिवार की रात 8:03 बजे से रविवार की शाम 4:19 बजे तक चतुर्दशी तिथि है। शनिवार की शाम 7:32 बजे से रविवार की दोपहर 2:31 बजे तक शिव योग रहेगा। महाशिवरात्रि पर चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्दशी की मध्य रात में शिव पूजा करने का विशेष महत्व है। इस अवधि में शास्त्र में महानिशिथ काल यानी रात 11:43 बजे से रात 12:33 बजे तक है।

सूर्यास्त से पहले सिर्फ एक बार लें सात्विक आहार

शिव मंदिर पुजारी के मुताबिक महाशिवरात्रि पर उपवास रखने और पूजा करने वाले को सूर्यास्त से पहले सिर्फ एक बार सात्विक भोजन करना चाहिए। भगवान भोलेनाथ का दूध और जल से अभिषेक करें। उन्हें यज्ञोपवीत, वस्त्र, चंदन, आभूषण, सुगंधि, बेल-पत्र, कनेर, धतूरा, मदार, ऋतुपुष्प और नैवेद्य चढ़ाएं।

अल सुबह से देर रात तक पूजा करेंगे श्रद्धालु

बाबा विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य मंदिरों में अल सुबह से देर रात तक श्रद्धालु पूजा-अर्चना करेंगे। हर साल महाशिवरात्रि पर वाराणसी में शिव भक्तों का हुजूम उमड़ता है। इसको देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के तमाम इंतजाम किए गए हैं।
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