Varanasi: सारनाथ में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनेगा इतना लंबा एलिवेटेड रोड, जानें कहां से कहां तक होगा निर्माण

Sarnath Elevated Road: वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बनने के बाद पर्यटन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इसको देखते हुए अन्य पर्यटन स्थलों को भी विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए वहां आवागमन की सुविधा भी बेहतर बनाने की दिशा में कवायद तेज कर दी गई है। इसके तहत सारनाथ से रिंग रोड रोड तक फोरलेन एलिवेटेड सड़क बनाई जाएगी।

सारनाथ में बनने वाला है एलिवेटेड रोड (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुख्य बातें
  • बौद्ध सर्किट को सारनाथ से जोड़ने एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनेगा एलिवेटेड रोड
  • रूट पर जलभराव होने के कारण बनाया जा रहा एलिवेटेड रोड
  • एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव तैयार करेगा सेतु निगम

Varanasi News: शहर स्थित सारनाथ में पर्यटन को बढ़ावा देने और इसे बौद्ध सर्किट से जोड़ने के लिए एलिवेटेड सड़क बनाई जाएगी। सारनाथ से रिंग रोड तक फोरलेन सड़क बनाई जानी है। इस रूट पर जलभराव होने की वजह से एलिवेटेड सड़क बनवाई जा रही है। दरअसल, जलभराव को खत्म करने के लिए मिट्टी डालने में अधिक खर्च आएगा। ऐसे में फोरलेन सड़क बनेगी। इसमें रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) बनाया जाएगा। ताकि आवागमन बाधित नहीं हो सके। मंडल आयुक्त ने राजकीय सेतु निगम को सर्वे करके प्रस्ताव बनने के लिए कहा है।

सेतु निगम के सहयोग में लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग परिवहन प्राधिकरण (एनएचएआई) को लगाया गया है। सड़क डेढ़ किलोमीटर लंबी होगी। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाए जाने के बाद मंडल आयुक्त उसे शासन को भेजेंगे।

कई देशों से आते हैं बौद्ध श्रद्धालुभगवान बुद्ध ने सारनाथ में सबसे पहले उपदेश दिया था। इस वजह से इस स्थल का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्व है। यहां हर दिन हजारों सैलानी घूमने आते हैं। देसी और विदेशी पर्यटक यहां के पुरातात्विक अवशेष को देखते हैं। भगवान बुद्ध का दर्शन करते हैं। इस जगह चीन, तिब्बत, नेपाल, जापान, कंबोडिया, कोरिया, वियतनाम आदि देशों से श्रद्धालु आते हैं। बता दें पहले संग्रहालय से मुनारी मार्ग, उसके बाद सिंहपुर गांव से फोरलेन सड़क बनाई जानी थी। फिर बाद में सारनाथ रेलवे स्टेशन से योजना बनाई गई। पूर्व मंडल आयुक्त दीपक अग्रवाल ने लोक निर्माण विभाग से सारनाथ से रिंग रोड तक फोरलेन सड़क बनाने की योजना बनवाई थी पर प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ा था। अब दोबारा सेतु निगम को प्रस्ताव करने के निर्देश मिले हैं।

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