Kashi Vishwanath Dham में अब प्रसाद के रूप में मिलेगा यह लड्डू, PM मोदी से है कनेक्शन

संयुक्त राष्ट्र 2023 को 'मोटा अनाज वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा कर चुका है। मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, मक्का आदि तमाम आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त होते हैं और सेहत के लिए बहुत लाभकारी हैं।

Kashi Vishwanath Dham

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के भीतर प्रसाद के रूप में खास लड्डू मिलने लगा है। यह लड्डू मोटे अनाज से बना है, जिसे ''श्री अन्न प्रसादम'' कहा जा रहा है। रविवार (पांच मार्च, 2023) को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘काशी से निकली बात समूचे विश्व तक पहुंचती है। ‘श्री काशी विश्वनाथ धाम’ के पैगाम को दुनिया भर के सनातनी मानते हैं। ऐसे में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की पहल पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में अब मोटे अनाज का भोग लगा लड्डू प्रसादम् के रूप में बिकने लगा है।’’

वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने इस बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से श्री काशी विश्वनाथ धाम मोटे अनाज के लड्डू, ''श्री अन्न प्रसादम'' बनवाए जा रहे हैं। प्रसाद की बिक्री शुरू हो गई है।’’ इस बीच, स्व-रोजगार उपायुक्त दिलीप सोनकर ने कहा, ‘‘श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए प्रसाद का लड्डू पहले भी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं ही बनाती थीं। उन्हीं को ‘श्री अन्‍न प्रसादम्’ बनाने का काम सौपा गया है।’’

‘श्री अन्न प्रसादम’ बनाने वाली स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष सुनीता जायसवाल के मुताबिक, ‘‘बाजरा, गुड़, तिल, काजू, बादाम, शुद्ध घी और दूध के खोया से प्रसाद का लड्डू तैयार किया जा रहा है।’’ उन्होंने बताया कि फिलहाल 100 व 200 ग्राम के लड्डू के पैकेट बिक रहे हैं। रोचक बात है कि मोटे अनाज को बढ़ावा देने के मकसद से पीएम की ओर से उन्हें ‘श्री अन्न’ का नाम दिए जाने के बाद यूपी ने उनके संसदीय क्षेत्र काशी में बाबा धाम में मोटे अनाज से बने लड्डुओं का प्रसाद ‘श्री अन्न प्रसादम’ बेचने का फैसला लिया है।

दरअसल, जिन मोटे अनाज से बना यह लड्डू बिक रहा है, उनसे मोदी का भी कनेक्शन है। पीएम की अपील के बाद इस किस्म के अनाज के प्रचलन में तेजी देखने को मिली थी, जबकि उन्होंने 20 दिसंबर, 2022 को संसद में कैबिनेट के सदस्यों के साथ मोटे अनाज से बने कई व्यंजनों का लुत्फ लिया था। संयुक्त राष्ट्र 2023 को 'मोटा अनाज वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा कर चुका है। मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, मक्का आदि तमाम आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त होते हैं और सेहत के लिए बहुत लाभकारी हैं।

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अभिषेक गुप्ता author

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