Varanasi: अच्छी खबर! बाबा को साक्षी मान नए जोड़े बंध सकेंगे परिणय बंधन में, नए साल से शुरू होगी ये व्यवस्था
Varanasi: काशी विश्वनाथ के समक्ष लोगों के सात जन्मों के बंधन में बंधने का सपना पूरा होगा। वैदिक काल की सनातनी परंपराओं के अनुसार, यहां धार्मिक अनुष्ठान संपादित होंगे। इसके लिए मंदिर न्यास की ओर से दिल्ली की एक इवेंट कंपनी को चुना गया है। वहीं धाम परिसर में आयोजन के दौरान डीजे सहित कई गैर जरूरी गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। वहीं आयोजन का शुल्क श्रद्धालुओं की सक्षमता के आधार पर लिया जाएगा।
वाराणासी के बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में नए साल से जोड़े बंध सकेंगे परिणय सूत्र में
- आगामी नववर्ष से काशी विश्वनाथ मंदिर में नए जोड़े बंध सकेंगे परिणय सूत्र में
- बाबा के धाम में विवाह सहित सभी तरह के अनुष्ठान संपादित होंगे
- दिल्ली की इवेंट कंपनी को इसके लिए किया गया है अनुबंधित
मंदिर न्यास के मुतबिक, इस तरह के इवेंट्स को लेकर राजधानी दिल्ली की एक इवेंट कंपनी को चुना गया है। बता दें कि, यह व्यवस्था इस वर्ष गत नवबंर महीने से आरंभ होनी थी। मगर किसी ने इसके लिए अप्लाई नहीं किया तो इसे वर्ष 2023 से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। अब नए जीवन साथी के साथ सात जन्मों के बंधन में बंधने के लिए बाबा विश्वनाथ को साक्षी मानकर सनातनी लोग गृहस्थ आश्रम में प्रवेश कर सकेंगे। इसमें सबसे खास बात ये रहेगी कि, भारतीय वैदिक काल की पुरातन प्रथाओं के मुताबिक अनुष्ठान होंगे। जिसमें आयोजन को संपादित करवाने वाली इवेंट कंपनी के चयन के वक्त ये शर्तें रखी गई थीं।
अनुष्ठान शुल्क इवेंट कंपनी तय करेगीमंदिर न्यास के सीईओ सुनील कुमार वर्मा के मुताबिक, विवाह के लिए कंपनी को चयन कर लिया गया है। फिलहाल शादी की बुकिंग के लिए कोई एप्लीकेशन नहीं आई है। जिसके चलते अब संभावना है कि, जनवरी 2023 से ही काशी विश्वनाथ के दरबार में वैवाहिक व अन्य कार्यों के साथ ही धार्मिक आयोजन व संस्कार शुरू होंगे। हालांकि इस कड़ी में यहां पर संगोष्ठियां व सांस्कृतिक कार्यक्रम तो शुरू हो गए हैं। मगर आयोजन कंपनी शर्तों के मुताबिक, विवाह करने वालों की बुकिंग करेगी। सीईओ के मुताबिक, विवाह के दौरान डीजे के साथ ही कई अन्य तरह की क्रियाओं को प्रतिबंधित किया गया है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी के मुताबिक, विवाह सहित अन्य संस्कारों के लिए शुल्क का निर्धारण इवेंट कंपनी करेगी। जिसमें खास तौर पर इस बात को ध्यान में रखा गया है कि, शुल्क पूरी तरह से श्रद्धालुओं की जेब के अनुसार हो। बता दें कि, विवाह के दौरान श्रद्धालुओं को सात्विक भोजन ही मिलेगा। वहीं कार्यक्रम के दौरान ऐसे किसी भी अनैतिक कृत्य की अनुमति नहीं होगी, जो धार्मिक व सामाजिक तौर पर गैर जरूरी हो।
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