Varanasi News: वाराणसी में गिरी घर की छत, महिला की मौत, मलबे में दबे 5 लोग

Roof Collapses In Varanasi: वाराणसी में एक जर्जर मकान गिरने से महिला की मौत हो गई। परिवार के अन्य सदस्य भी घायल हुए हैं। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि, मोहल्ले के लोग सहम गए। लोगों की सूचना पर एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य किया। बताया जाता है कि मकान 100 साल पुराना था।

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100 पुराने मकान की छत गिरने से महिला की मौत

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • शहर के जंगमबाड़ी मोहल्ले की घटना, एनडीआरएफ की टीम ने किया रेस्क्यू
  • 100 साल पुराना था मकान, घर में रह रहे थे 18 लोग
  • छत गिरने के 20 मिनट तक नहीं दिखी थी 50 वर्षीय बेबी

Varanasi News: शहर के जंगमबाड़ी मोहल्ले में गुरुवार की देर रात 100 साल पुराना मकान अचानक गिर गया। मकान की छत गिरने से 50 साल की बेबी की मौत हो गई। बेबी चाय विक्रेता राजेंद्र वर्मा की पत्नी थी। वहीं, परिवार के अन्य पांच सदस्य घायल हो गए हैं। ये सभी छत गिरने के बाद मलबे में दब गए थे। इन्हें एनडीआरएफ की टीम ने काफी मशक्कत कर सुरक्षित बाहर निकला। मकान तारा देवी के नाम पर है। तारा की चार बेटियां हैं। परिवार के कुल 18 सदस्य मकान में रह रहे थे।

मकान के पीछे के दो कमरे बेहद जर्जर थे। एक कमरे में राजेंद्र वर्मा, इनकी पत्नी बेबी, बेटियां हेमा और नीलू एवं बेटा दीपक रहता था। दूसरे कमरे में संजय वर्मा, इनकी मां सावित्री देवी, पत्नी किरण देवी, बेटी मानसी रह रहे थे। इन दोनों कमरों के सटे हिस्से में सोनू रहता था। गुरुवार की रात दोनों कमरों की छत ढह गई।

कमरे में अकेली थी बेबीपरिवार के लोगों के मुताबिक, संजय वर्मा और उनका पूरा परिवार छत ढहने पर सुरक्षित बच गए। वहीं, कमरे में अकेली बेबी थीं और वह मलबे में पूरी तरह दब गई। इससे उनकी मौत हो गई। एनडीआरएफ की टीम ने दो घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बेबी के शव को बाहर निकाला। दूसरी ओर किरण को बाएं हाथ और सोनू को सिर में चोटें आई हैं। किरण का कहना है कि, वह पति संजय, बेटी मानसी और सास सवित्री के साथ बैठकर चाय पी रही थी। जब छत गिरी तो उसका बड़ा सा हिस्सा आलमारी पर टिक गया, जिस वजह से हमलोगों की जान बच गई।

सिलेंडर से हुआ है गैस का रिसावघटनास्थल का डीएम एस राजलिंगम, डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम, एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पांडेय पहुंचे। इन अधिकारियों ने घायलों से उनका हालचाल जाना। अधिकारियों ने बताया कि, छत गिरने की वजह जर्जर मकान है। इसके अतिरिक्त रसोई घर में सिलेंडर से गैस का भी रिसाव हुआ है। हालांकि छत गिरने के बाद सिलेंडर से गैस रिसाव की आशंका है। परिजनों का कहना है कि, छत गिरने के 20 मिनट बाद तक बेबी नहीं दिखी थी। किसी ने कहा कि, बेबी मंदिर गई है तो कोई कह रहा था कि कमरे में थी। इस तरह काफी देर तक सब लोग असमंजस में रहे की बेबी सुरक्षित है या मलबे में दब गई है।

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