जल्द उड़नखटोले से होंगे काशी के अद्भुत दर्शन, जानिए Ropeway का रूट और कब शुरू होगी सेवा

वाराणसी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव क्षेत्र है। यहां की योजनाओं पर वह स्वयं विशेष ध्यान देते हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद वाराणसी में रोपवे को लेकर बड़ी चर्चा है। उम्मीद की जा रही है कि देश का पहला शहरी रोपवे अगस्त 2024 में चालू हो जाएगा।

Varanasi Ropeway Update.

वाराणसी में इसी साल शुरू हो जाएगी रोपवे की सवारी

पहाड़ों में यात्रा के दौरान आपने कई बार रोपवे (Ropeway) या केबल कार (Cable Car) की सवारी की होगी। शहरों की भीड़ को देखते हुए कई बार लगता होगा कि काश यहां भी रोपवे होता। कम से कम वाराणसी यानी काशी के लोगों का यह सपना जल्द पूरा होने जा रहा है। देश का पहना शहरी रोपवे (Urban Ropeway) इसी साल काशी में शुरू होने जा रहा है। इस रोपवे के बन जाने से न सिर्फ समय की बजत होगी, बल्कि 'उड़नखटोले' से वाराणसी का शानदार नजारा भी देखने को मिलेगा। चलिए जानते हैं वाराणसी में कब शुरू होगा रोपवे और इसका रूट क्या होगा -

अगस्त में शुरू होगा रोपवेकाशी में बन रहा रोपवे इसी साल अगस्त यान ढाई-तीन महीने बाद शुरू हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च 2022 को इसकी आधारशिला रखी थी। पर्वतमाला परियोजना (Pravatmala Pariyojana) के तहत नेशनल रोपवेज डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत इस प्रोजेक्ट का काम किया जा रहा है।

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रोपवे की लागतकाशी में बन रहे देश के पहले अर्बन रोपवे के फेज-1 को बनने में 645 करोड़ की अनुमानिक लागत आएगी और इसका निर्माण 2025 तक पूरा हो जाएगा। रोपवे प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है और उम्मीद की जा रही है कि यह शहर की यातायात की समस्या का बेहतर विकल्प बनेगा। रोपवे में टिकट के दाम (Ropeway Ticket Price) अभी तय नहीं हुए हैं।

काशी रोपवे का रूट (Ropeway Routes)3.7 किमी का यह रोपवे काशी के कई महत्वपूर्ण स्थानों को कवर करेगा। इसमें गिरजा घर गौडोलिया चौक, रथ यात्रा, काशी विद्यापीठ (भारतमाला मंदिर), वाराणसी रेलवे स्टेशन और वाराणसी कैंट रूट में शामिल हैं।

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150 उड़नखटोले यात्रियों की सेवा मेंरोपवे बनने काशी में एक जगह से दूसरी जगह जाना आसान हो जाएगा। वाराणसी जंक्शन से गौडोलिया तक के सफर में समय की बड़ी बचत होगी। इस यात्रा में सिर्फ 16 मिनट लगेंगे। काशी में कुल 150 गंडोला चलेंग और इनमें से हर एक में 10 लोग सवार हो पाएंगे। हर घंटे अधिकतम 6 हजार लोग उड़नखटोले से काशी में एक छोरे से दूसरे तक जाएंगे। हर स्टेशन पर 2 से 3 मिनट में केबलकार आएंगी और शहर में बिना रुकावट यात्रा का अनुभव देंगी।

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काशी विश्वनाथ कॉरिडोरबता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से ही सांसद हैं और साल 2019 में उन्होंने यहां काशी विश्वानथ कॉरिडोर की नींव भी रखी थी। प्रधानमंत्री ने ही 13 दिसंबर 2021 को इस कॉरिडोर का उद्घाटन भी किया। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बनने से विश्वनाथ मंदिर और गंगा तक पहुंचने में लोगों को आसानी होती है। इससे काशी में आने वाली लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करना भी आसान हो गया है।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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