Varanasi Bomb Blast Case: वाराणसी में 2006 में संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए बम धमाकों ने लीं थीं 18 जानें
Varanasi Bomb Blast in 2006: आज से 18 साल पहले 7 मार्च 2006 को वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन और संकटमोचन हनुमान मंदिर में बम ब्लास्ट हुए थे जिसमें 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी।
2006 को वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन और संकटमोचन हनुमान मंदिर में बम ब्लास्ट हुए थे
Varanasi Sankat Mochan Mandir Bomb Blast: 7 मार्च, 2006 की तारीख को वाराणसी के लोग कभी भी नहीं भूल पायेंगे इसके पीछे की वजह भी है आज से 18 साल पहले यहां दो भीषण बम ब्लास्ट हुए थे जिससे शहर दहल गया था, वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन और संकट मोचन मंदिर के अंदर एक बम विस्फोट हुआ इन दोनों धमाकों में करीब 18 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए।
7 मार्च 2006 को वाराणसी के संकटमोचन मंदिर और रेलवे कैंट पर बम धमाके हुए थे धमाकों के बाद अफरातफरी मच गई थी साथ ही दशाश्वमेध घाट पर कुकर बम मिला था, इन बम धमाकों में संकट मोचन मंदिर में 7 और कैंट स्टेशन पर 11 लोगों की मौत हुई थी।
विस्फोटक मंदिर के एक द्वार के पास एक कंटेनर में रखा था
ये बम धमाके शाम छह बजे के कुछ देर बाद हुए थे पहला विस्फोट प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर के पास संकट मोचन हनुमान मंदिर में हुआ और उस दिन मंगलवार था और हनुमान मंदिर में आम तौर पर मंगलवार की तरह भक्तों की भीड़ थी जिसमें 7 लोगों की मौत हुई थी।
दूसरा विस्फोट वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर हुआ 11 लोगों की मौत
वहीं दूसरा विस्फोट वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर हुआ जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। मंदिर परिसर से तीन जिंदा बम, एक रेस्तरां से एक जिंदा बम, गोदोलिया से और दशाश्वमेध घाट से एक जिंदा बम बरामद किया गया।
अपराधियों का इरादा अधिकतम नरसंहार का था
अपराधियों का इरादा अधिकतम नरसंहार का था इसी के लिए धमाकों के लिए दिन और समय ऐसा चुना गया था क्योंकि मंगलवार के दिन हनुमान मंदिरों में विशेष भीड़ होती है वहीं उस दौरान बोर्ड एग्जाम भी चल रहे थे वहीं दूसरा ब्लास्ट वाराणसी कैंट स्टेशन में गंगा एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए प्रतीक्षा कर रहे यात्रियों के बीच किया गया था।
आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा
वाराणसी पुलिस ने 5 अप्रैल 2006 को इस मामले में इलाहाबाद के फूलपुर गांव निवासी वलीउल्लाह को लखनऊ के गोसाईंगंज इलाके से गिरफ्तार किया था वहीं वलीउल्लाह का मुकदमा लड़ने से वाराणसी के वकीलों ने इनकार कर दिया था इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह केस गाजियाबाद जिला जज की अदालत में ट्रांसफर कर दिया था, तभी से केस की सुनवाई गाजियाबाद स्थित जिला जज की कोर्ट में चल रही थी और 6 जून साल 2022 को इस मामले में आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा दी गई।
वलीउल्लाह के संबंध आतंकी संगठन हूजी से
वहीं इस केस की सुनवाई पूरे 16 साल चली और 6 जून साल 2022 गाजियाबाद की जिला एवं सत्र न्यायालय ने आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई थी यह फैसला धमाकों के पूरे 16 साल बाद आया था, पुलिस ने वलीउल्लाह के संबंध आतंकी संगठन हूजी से भी बताए थे।
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रवि वैश्य author
मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनि...और देखें
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