Water Taxi: श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर, अगले साल गर्मियों से काशी विश्वनाथ धाम के लिए शुरू होगी वाटर टैक्सी सेवा

Varanasi Water Taxi service: अगले वर्ष गर्मी से तीर्थ यात्रियों के लिए काशी विश्वनाथ धाम और घाटों तक ले जाने के लिए वाटर टैक्सी की शुरुआत होगी। इससे काशी की सड़कों पर वाहनों का लोड कम हो जाएगा। साथ ही इको फ्रेंडली वाटर टैक्सी के कारण प्रदूषण की समस्या से भी निजात मिलेगी। वाटर टैक्सी के संचालन से श्रद्धालुओं का समय भी बचेगा और रुपए भी।

Varanasi Solar Boat Taxi

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के लिए शुरू होगी वाटर टैक्सी सेवा
  • अगले साल अप्रैल से वाटर टैक्सी के संचालन की योजना
  • रुपए और समय की होगी बचत,प्रदूषण भी नहीं होगा

Varanasi Water Taxi service: काशी विश्वनाथ धाम तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को गोदौलिया और मैदागिन के जाम के बीच नहीं जूझना होगा। अप्रैल 2023 से ही रविदास और नमो घाट से विश्वनाथ धाम तक सोलर वाटर टैक्सी का संचालन किया जाएगा। इसके जरिए श्रद्धालु जलमार्ग से धाम तक पहुंचेंगे। इसमें श्रद्धालुओं का कम खर्चा होगा और समय की बचत करते हुए वे दर्शन-पूजन कर सकेंगे। टैक्सी सुविधा हर घंटे मिलेगी। दरअसल, वाराणसी जिले में अगले वर्ष की गर्मी से तीर्थ यात्रियों को काशी विश्वनाथ धाम और घाटों तक ले जाने के लिए वाटर टैक्सी सेवा की शुरुआत होने की संभावना है। इस सेवा के शुरू होने से काशी की सड़कों से वाहनों का लोड कम होगा। अगले वर्ष होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और जी 20 कार्यक्रमों से पहले वाटर टैक्सी सेवा शुरू होने की पूरी संभावना है।

वाराणसी की सड़कों की स्थिति में भी होगा सुधारसंभागायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि तीन से चार महीने में शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रमुख काम किए जाएंगे। इस दौरान सड़कों की स्थिति में भी सुधार किया जाएगा। इसके साथ ही शहर के सौंदर्यीकरण के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। शहर की सड़कों पर भार कम करने के लिए प्रशासन गंगा में वाटर टैक्सियां चलाने की योजना पर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि जल टैक्सी परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड पर शुरू होगी। यह पर्यावरण के अनुकूल सौर ऊर्जा से संचालित की जाएंगी।

20 से 30 सीटर सोलर वाटर टैक्सी के संचालन का प्लानअगले साल अप्रैल से दो सोलर वाटर टैक्सी शुरुआत में नमो घाट और रविदास घाट से काशी विश्वनाथ धाम तक संचालित करने का प्लान बनाया है। इसके लिए गंगा में रूट निर्धारण के लिए जेटी के जरिए डिवाइडर बनेगा। जाने-आने के अलग-अलग रास्ते होंगे। सोलर वाटर टैक्सी के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत संभावना की तलाश है। पीपीपी मॉडल के अलावा पर्यटन विभाग के जरिए सोलर वाटर टैक्सी के संचालन का भी प्लान है। 20 से 30 सीटर सोलर वाटर टैक्सी के संचालन और किराए आदि के पहलु पर मंथन चल रहा है। जल्द ही इसके लिए कमेटी का गठन हो सकता है।

मुंबई के बाद वाटर टैक्सी चलाने वाला देश का दूसरा शहर होगा वाराणसीआपको बता दें कि जिस तरह की वाटर टैक्सी काशी में गंगा में दौड़ाने का प्लान है, उसका पहले से ही मुंबई और नवी मुंबई के बीच संचालन किया जा रहा है। वाराणसी देश का दूसरा ऐसा शहर होगा, जहां वाटर टैक्सी का संचालन किया जाएगा। काशी विश्वनाथ धाम को जलमार्ग से जोड़ने के लिए गंगा द्वार के नीचे ललिता घाट पर जेटी का निर्माण होगा। इसके लिए प्रशासन ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। जेटी के लिए जगह निर्धारित कर दी है। इस जेटी के जरिये ही सोलर वाटर टैक्सी का संचालन किया जाएगा। इसी तरह गंगा में दो लेन बनाने के साथ ही रूट की निगरानी होगी। इसमें सभी नाव, क्रूज समेत अन्य बोट को निर्धारित रूट से चलाया जाएगा। गलत लेन में जाने वाली नावों पर जुर्माने की कार्रवाई भी होगी।

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