नैनीताल में जल संकट की आहट, घट रहा झील का जलस्तर, कई कामों पर लगाई गई रोक

नैनीताल में नैनी झील ही पानी का एकमात्र स्रोत है। ऐसे में जल संकट को देखते हुए यहां घर बनाने और गाड़ियों को धोने के लिए पानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया गया है। अगर किसी के छत की टंकियों से पानी टपकता है तो उसपर भी कार्रवाई की जाएगी।-

नैनीताल में घर बनाने और गाड़ियां धोने में पानी के इस्तेमाल पर रोक

Nainital News: मार्च महीने की शुरुआत होते ही देश के कुछ राज्यों में पेयजल की संकट भी शुरू हो जाती है। जैसे कि इन दिनों बेंगलुरु में पानी की सबसे ज्यादा किल्लत हो रही है। जिस वजह से बेंगलुरु वॉटर सप्लाई बोर्ड पीने वाले पानी से गाड़ी धोने और पेड़ पौधों की सींचाई पर भी रोक लगा दिया है। यहां शहर के सभी स्विमिंग पूल भी बंद करा दिए गए हैं। वहीं नियम तोड़ने पर 5000 रुपये का जुर्माना भी रखा है। अब बात जब जल सकंट की हो तो उत्तराखंड का नैनिताल भी पानी की समस्या से जूझता रहा है। जिसे लेकर अब यहां पानी के नए कनेक्शनों पर रोक के साथ ही भवन निर्माण और गाड़ियों की धुलाई पर भी रोक लगा दी गई है।

नैनी झील ही यहां का एकमात्र सोर्स

उत्तराखंड के नैनीताल में भी पेयजल संकट हो सकता है। नैनीताल में स्थित नैनी झील में गर्मी के मौसम में डेल्टा दिखने लगे हैं। जिसके कि यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाल समय में नौनीताल में भी पेयजल की समस्या बढ़ सकती हैं। नैनीताल का नैनी झील ही यहां का एकमात्र पानी का स्त्रोत है। इसी का पानी पीने के लिए सप्लाई किया जाता है। बारिश के मौसम में पानी भरने से नैनी झील का जलस्तर पिछले 5 सालों में अपने न्यूनतम स्तर 5.5 फीट तक पहुंच चुका है और यह रोज घटता जा रहा है। गर्मियों के मौमस में नैनीताल में पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है।

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