मृत मिला वायनाड का 'आदमखोर' बाघ; पेट में मिलीं मारी गई महिला के बाल, कपड़े और कानों की बालियां
पोस्टमार्टम किए जाने के बाद वन अधिकारियों ने कहा कि शव की गर्दन पर पाए गए ताजा गहरे घाव ही उसकी मौत का कारण थे। माना जा रहा है कि गहरे जंगल में किसी अन्य बाघ के साथ वर्चस्व की लड़ाई के दौरान चोटें आईं।
वायनाड का आदमखोर बाघ
Wayanad's man-eater tiger dead- केरल के वायनाड में दो दिन पहले एक महिला को मारने वाला 'आदमखोर' बाघ सोमवार को मृत पाया गया और शव परीक्षण से पता चला कि उसके पेट में एक महिला के बाल, कपड़े और एक जोड़ी बालियां मिलीं। महिला जंगल के किनारे कॉफी बीन्स इकट्ठा करने गई थी और तभी बाघ ने हमला कर दिया था। इस मादा बाघ की उम्र चार से पांच साल है। इसे वन्यजीव कर्मियों की एक टीम ने सोमवार तड़के देखा और ट्रैक किया, लेकिन बाद में दिन निकलने के बाद पिलाकावु में एक आबादी वाले इलाके में एक घर के पीछे वह बेसुध पाई गई।
बाघ के गर्दन पर मिले गहरे जख्म
पोस्टमार्टम किए जाने के बाद वन अधिकारियों ने कहा कि शव की गर्दन पर पाए गए ताजा गहरे घाव ही उसकी मौत का कारण थे। माना जा रहा है कि गहरे जंगल में किसी अन्य बाघ के साथ वर्चस्व की लड़ाई के दौरान चोटें आईं। अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह वही बाघ है जिसने शनिवार को यहां पंचराकोल्ली इलाके में एक महिला राधा को मार डाला था, पोस्टमार्टम के दौरान उसके पेट में महिला के बाल, पोशाक और एक जोड़ी बालियां पाई गईं।
महिला की मौत के बाद इलाके में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जिससे राज्य सरकार को रविवार को बाघ को आदमखोर घोषित करना पड़ा और उसे मारने का कार्यक्रम बनाना पड़ा। मुख्य पशुचिकित्सा सर्जन डॉ अरुण जकारिया के नेतृत्व में वन्यजीव कर्मियों की एक विशेष टीम बाघ को ट्रैक करने के लिए दिन-रात काम करते हुए, क्षेत्र में एक खोज अभियान में लगी हुई थी।
पिलाकावु क्षेत्र में मृत पाया गया बाघ
उत्तरी वृत्त के मुख्य वन संरक्षक केएस दीपा ने कहा कि सोमवार तड़के बाघ को शांत करने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में बाघ पिलाकावु क्षेत्र में मृत पाया गया। उन्होंने कहा, हमने रात 12.30 बजे इलाके में एक बाघ की मौजूदगी को पहचाना। डॉ. जकारिया के नेतृत्व में वन विभाग की एक टीम गश्त और भ्रमण कर रही थी। सीसीएफ ने कहा, टीम ने सुबह 2.30 बजे बाघ को देखा। हालांकि उन्होंने उसे शांत करने का प्रयास किया, लेकिन वह निकल गया। हमने तलाश जारी रखी और बाद में बाघ को मृत पाया। उन्होंने कहा कि उसके शव पर चोट के निशान थे।
जकारिया ने कहा कि हो सकता है कि बाघ जंगल के अंदर हुई लड़ाई में घायल होने के बाद इलाके में पहुंची हो। विशेषज्ञ ने कहा, इसके शरीर पर ताजा और पुराने दोनों तरह के घाव थे। इस बात की प्रबल संभावना है कि इसकी अन्य बाघों के साथ भीषण लड़ाई हुई थी। शव के पोस्टमार्टम के बाद मुख्य वन्यजीव वार्डन प्रमोद जी कृष्णन ने पुष्टि की कि मौत का कारण उसकी गर्दन पर दिखे चार ताजा घाव माने गए हैं।
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अमित कुमार मंडल author
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