Gorakhpur Old Name: गोरखपुर का पुराना नाम क्या है? 2600 साल में कई बार हुआ बदलाव; यहां पढ़ें रोचक कहानी
Gorakhpur Old Name: गोरखपुर शहर का वर्तमान नाम 220 साल से भी अधिक पुराना है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोरखपुर का सबसे पुराना नाम क्या है और 2600 साल में कितना बार इस शहर का नाम बदला गया है। आइए आपको बताएं कैसे रामग्राम से गोरखपुर पड़ा शहर का नाम।
एक बार नहीं कई बार बदला जा चुका है गोरखपुर का नाम
पूर्व मध्यकाल में क्या था शहर का नाम
मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. राजवंत राव ने बताया कि पूर्व मध्यकाल में वर्तमान गोरखपुर का नाम सरयूपार हुआ करता था। उन्होंने बताया की कई अभिलेखों में सरयूपार नाम दर्ज किया हुआ है। इसके अलावा समय के साथ कई बार गोरखपुर का नाम बदला जा चुका है। आइए आपको उन नामों के बारे में बताएं...
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2600 साल पुराना है गोरखपुर का इतिहास
वाराणसी को दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक माना जाता है, लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा की गोरखपुर शहर भी प्राचीन शहर है। इस शहर का इतिहास 2600 साल पुराना है। इस दौरान गोरखपुर का 8 बार नाम बदला गया है। बता दें कि सबसे पहले शहर का नाम छठी शताब्दी में 'रामग्राम' हुआ करता था। इतिहासकारों की मानें तो, रामग्राम भौगोलिक आपदा के चलते जमीन में धस गया। लेकिन आज भी वो स्थान मौजूद है। बस अंतर इतना है कि अब वो एक झील है और उसे रामगढ़ताल के नाम से जाना जाता है।
चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में बदला गया रामग्राम का नाम
प्रोफेसर राव ने जानकारी देते हुए बताया कि जब इस क्षेत्र पर चंद्रगुप्त का शासन शुरू हुआ तब इस क्षेत्र का नाम बदलकर पिप्पलिवन किया गया। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में रामग्राम पिप्पलिवन के नाम से जाना गया।
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नौवीं शताब्दी में फिर बदला शहर का नाम
प्रोफेसर ने बताया कि नौवीं शताब्दी में गुरु गोरक्षनाथ का प्रभाव बढ़ने लगा था। तब रामग्राम से बने पिप्पलिवन का नाम बदलकर गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर गोरक्षपुर रखा गया।
मुगलों के शासनकाल के दौरान फिर बदला नाम
मुगलों के शासन के दौरान एक बार नहीं चार बार गोरखपुर का नाम बदला गया। जौनपुर में सर्कि के शासनकाल के दौरान, करीब 13वीं 14वीं शताब्दी में गोरक्षपुर का नाम बदलकर सूब-ए-सर्कियां रखा गया। उसके बाद 14वीं शताब्दी में नाम फिर बदला गया और इस बार शहर का नाम अख्तरनगर रखा गया। जानकारी के अनुसार, 17वीं शताब्दी में अख्तरनगर का नाम बदलकर गोरखपुर सरकार रखा गया। इसी शताब्दी में वर्ष 1659-1707 के दौरान औरंगजेब के शासन में गोरखपुर सरकार का नाम बदलकर मोअज्जमाबाद रखा गया।
ब्रिटिश काल में मिला वर्तमान नाम
अंतिम बार शहर का नाम ब्रिटिश शासनकाल के दौरान बदला गया था। ब्रिटिश काल में मोअज्जमाबाद का नाम बदलकर गोरखपुर रखा गया। बता दें कि ये नाम गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर रखा गया था। तब से आजतक शहर को गोरखपुर के नाम से ही जाना जा रहा है। वर्तमान नाम भी 220 साल से अधिक पुराना।
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