Ayodhya Ram Mandir Budget: 4 साल में चार गुना हुआ राम मंदिर निर्माण का खर्च, अभी इतने सौ करोड़ रुपये का हो सकता है इजाफा
अयोध्या स्थित राममंदिर का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। अगले महीने यानी 22 जनवरी को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भी होनी है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर इस भव्य मंदिर के निर्माण में कितने रुपये खर्च हुए होंगे। तो आइये जानते हैं पूरी डीटेल्स।
राम मंदिर अयोध्या
अयोध्या: रामनगरी में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण बस जल्द ही पूर्ण होने वाला है। 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 24 जनवरी 2024 से आम लोगों को दर्शन सुलभ होंगे। मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समय से हो सके और उसमें कोई व्यवधान न आए, इसलिए मंदिर का काम 3500 कारीगर कर रहे हैं। हालांकि, बीच-बीच में लोगों के मन में सवाल उठते रहे हैं कि इस भव्य मंदिर को बनाने में कितने रुपये खर्च किए जा रहे हैं। तो आपको बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के बाद यह अनुमान लगाया गया था कि मंदिर निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा। यह 5 फरवरी 2020 को ट्रस्ट का गठन होने के बाद अब मंदिर निर्माण पर होने वाले कुल खर्च का जो अनुमान था। लेकिन, जैसे-जैसे निर्माण प्रक्रिया आगे बढ़ती गई, वैसे वैसे बजट दोगुना से तीन और अब चार गुना तक पहुंच गया है। तो आइये जानते हैं इस पूरे निर्माण कार्य में अबतक कितने रुपये का खर्च आ चुका है।
1800 करोड़ रुपये का बजट
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की मानें तो यह रकम बढ़ भी सकती है। फिलहाल, 1800 करोड़ रुपये का बजट मंदिर निर्माण में लगने वाला है। यह आंकलन भी अंतिम नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, जब अयोध्या में मंदिर 2025 में पूरी तरह बनकर तैयार होगा। तब इसकी कुल लागत 2000 करोड़ को भी पार कर जाएगी। कुल लागत कितनी होगी, इसका आंकलन टाटा इंजीनियरिंग कंसलटेंट अभी कर रही है। निर्माण के शुरुआत में खर्च का आंकलन लार्सन एंड टुब्रो कर रही थी।
अभी और बढ़ सकता है बजट
एक बैठक के दौरान राम मंदिर निर्माण के अनुमानित लागत 1800 करोड़ होने का आंकलन किया गया है, लेकिन जो राशि बताई जा रही है वह पूरी तरह सही नहीं है इसमें और भी इजाफा होने के पूरे आसार हैं। चंपत राय ने कहा था कि शुरुआती दौर में सारा चिंतन आधा-अधूरा था। अब मंदिर पर 1800 करोड़ रुपये खर्च आ सकता है। लेकिन, सूत्र इसके और बढ़ने की बात कह रहे हैं।
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Pushpendra kumar author
पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्ष...और देखें
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