Next CM of Odisha: ओडिशा में खिल गया कमल, कौन बनेगा भाजपा का पहला मुख्यमंत्री

Next CM of Odisha After Naveen Patnaik: भारतीय जनता पार्टी को ओडिशा विधानसभा में पहली बार बहुमत मिला है। राज्य की 147 में से भाजपा ने 78 सीटें जीती हैं। अब देखना होगा कि पार्टी मुख्यमंत्री किसे बनाती है। मुख्यमंत्री की रेस में मौजूद चारों नाम लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। जानते हैं किसका पलड़ा भारी -

कौन बनेगा ओडिशा का मुख्यमंत्री

ओडिशा विधानसभा चुनाव (Odisha Assembly Election 2024) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बड़ी सफलता मिली है। पार्टी ने मंगलवार 4 जून को हुई मतगणना में राज्य की 147 विधानसभा सीटों में से 78 पर जीत दर्ज करके बहुमत हासिल किया। बता दें कि राज्य में बहुमत का आंकड़ा 74 सीटों का है। इस तरह से राज्य में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) के नेतृत्व में पिछले 24 वर्षों से चला आ रहा बीजू जनता दल का राज खत्म हो गया। बीजू जनता दल (BJD) को विधानसभा में 51 सीटें ही मिल पायीं। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने ओडिशा में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और राज्य की कुल 21 में से 20 लोकसभा सीटें जीतीं, जबकि एक सीट कांग्रेस की झोली में गई। इस तरह से विधानसभा में बहुमत गंवाने के साथ बीजेडी लोकसभा में भी शून्य पर आ गई। ओडिशा विधानसभा में भाजपा को बहुमत तो मिल गया, लेकिन उनका मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है। मुख्यमंत्री पद की रेस में चार नाम बताए जा रहे हैं, चलिए जानते हैं -
ओडिशा के मुख्यमंत्री पद की रेस में चार नाम प्रमुख तौर पर लिए जा रहे हैं। इनमें भाजपा प्रवक्ता और पुरी से चुनाव जीतकर सांसद बने संबित पात्रा का नाम प्रमुख है। संबित पात्रा के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा चुनाव 2024 में सुंदरगढ़ से जीत दर्ज करने वाले सांसद जुएल ओरम का नाम भी लिया जा रहा है। इनके अलावा भाजपा के केंद्रीय उपाध्यक्ष और केंद्रपाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर आए बैजयंत पांडा भी मुख्यमंत्री पद की रेस में बताए जा रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और संबलपुर से लोकसभा चुनाव जीते धर्मेंद्र प्रधान का नाम भी इस रेस में लिया जा रहा है। बड़ी बात यह है कि ओडिशा में मुख्यमंत्री पद की रेस में जो चार नाम बताए जा रहे हैं, वह चारों लोकसभा चुनाव 2024 में जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। हालांकि, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि भाजपा इन चारों की बजाय मुख्यमंत्री पद के लिए किसी और चेहरे को तय करके सबको चौंका भी सकती है। चलिए देखते हैं चारों की ताकत क्या है -

डॉ. संबित पात्रा

भाजपा प्रवक्ता डॉ. पात्रा भी ओडिशा के मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने राज्य की पुरी सीट से 1 लाख, 4 हजार, 709 मतों से जीत दर्ज की थी। डॉ. संबित पात्रा ने साल 2014 से भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे हैं और अभी वह टूरिज्म विभाग के चेयरपर्सन हैं। डॉ. संबित पात्रा पेशे से डॉक्टर हैं, उन्होंने हिंदू राव अस्पताल से अपने डॉक्टरी करियर की शुरुआत की थी। डॉ. संबित पात्रा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2010 में दिल्ली प्रदेश भाजपा प्रवक्ता के तौर पर की। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उनका चेहरा बड़े रूप में सामने आया और बाद में वह पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बन गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ. संबित पात्रा ने पुरी सीट से ही चुनाव लड़ा था, लेकिन वह बीजू जनता दल की पिनाकी मिश्रा से हार गए थे।

जुएल ओरम

पूर्व केंद्रीय मंत्री जुएल ओरम लोकसभा चुनाव 2024 में सुंदरगढ़ सीट से कुल 1 लाख, 38 हजार, 808 मतों से जीतकर संसद पहुंचे हैं। उन्होंने बीजू जनता दल के उम्मीदवार और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान दिलीप टिर्की को मात दी। हालांकि, मुख्यमंत्री पद के लिए जुएल ओरम का नाम लिया जा रहा है, लेकिन वह पहले ही साफ कर चुके हैं कि वह रेस में नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की तरफ से उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसे वह पूरा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में कई क्षमतावान नेता हैं, जो मुख्यमंत्री बन सकते हैं। पार्टी का जो भी निर्णय होगा उसका सम्मान किया जाएगा।

बैजयंत पांडा

बैजयंत पांडा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और उन्होंने ओडिशा की केंद्रपाड़ा लोकसभा सीट पर 66 हजार, 536 मतों से जीत दर्ज की है। इससे पहले वह चार बार सांसद रह चुके हैं और यह सांसद के तौर पर उनका पांचवां कार्यकाल है। बैजयंत पांडा दो बार साल 2000 और 2006 में राज्यसभा सदस्य रहे और 2009 व 2014 में लोकसभा के लिए चुने गए हैं। बैजयंत ने मिशिगन टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। राजनीति में आने से पहले उनका कॉर्पोरेट करियर भी शानदार रहा है।

धर्मेंद्र प्रधान

पूर्व पेट्रोलियम और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा चुनाव 2024 में ओडिशा की संबलपुर सीट से 1 लाख, 19 हजार, 836 मतों से जीत दर्ज की है। 14वीं लोकसभा में वह मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद थे। धर्मेंद्र प्रधान के पेट्रोलियम और गैस मंत्री रहते हुए ही दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम PAHAL चलाई गई थी। इसके अलावा भी उनके कार्यकाल में कई कार्य उनके कार्यकाल में हुए। धर्मेंद्र प्रधान ने उत्कल यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन की है। उनका राजनीतिक करियर 1983 में ABVP से शुरू हुआ, जहां उन्होंने सचिव के तौर पर काम किया। उन्होंने कई राज्यों में पार्टी को मजबूत करने का काम किया।
मुख्यमंत्री पद के लिए इन चारों के नाम चर्चा में हैं। लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अक्सर अपने फैसलों से चौंकाता रहा है। अब देखना होगा कि भाजपा इन चारों में से किसी को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपती है या छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह कोई चौंकाने वाला नाम सामने आता है।
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