Ram Mandir Ayodhya: इस नेता ने रखी थी राम जन्मभूमि शिलान्यास की पहली ईंट, जानिए क्या था पूरा घटनाक्रम
Ram Mandir Ayodhya - अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की नींव 9 नवम्बर 1989 को तत्कालीन पीएम राजीव गांधी की सरकार के दौरान 34 साल पहले पड़ी थी। लेकिन, लोगों के मन में सवाल है कि राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईट रखने वाले शख्स कौन हैं। तो इस आर्टिकल में हम आपको उस शख्स के बारे में पूरी जानकारी देते हैं।
कामेश्वर चौपाल
Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या राम मंदिर का निर्माण कार्य अपने अंतिम दौर में है। अब वो वक्त भी दूर नहीं जब सभी आसानी से प्रभु राम के दर्शन प्राप्त कर सकेंगे। 22 जनवरी 2024 को भगवान राम लला अपने मंदिर विराजमान होंगे। इसके लिए अयोध्या में तेजी के साथ तैयारियां अपनी अंतिम दिशा की ओर हैं। इस मंदिर के पुनर्निर्माण का शुभारंभ पीएम मोदी ने किया था तो भला पहली बार मंदिर निर्माण के लिए पहली ईट रखने वाले शख्स को कैसे भूला जा सकता है। शायद हममें से बहुत लोग ये अभी भी नहीं जानते कि राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट किसने रखी थी। तो चलिए आज हम उस शख्स के बारें में आपको पूरी जानकारी देते हैं।
कामेश्वर चौपाल ने राम मंदिर की रखी नींव
दरअसल, 9 नवम्बर 1989 को तत्कालीन पीएम राजीव गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की अनुमति के बाद 34 साल पहले अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर की नींव पड़ी थी। 1989 में रामजन्म भूमि के निर्माण की पहली शिला यानि ईंट रखने वाले बिहार के कामेश्वर चौपाल थे। शिलान्यास के लिए देश के तकरीबन दो लाख गांवों से ईंटें आईं थीं। उन्होंने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर का बनना हज़ारों साल के अपमान को धोना है। हम समझ रहे कि हिन्दू समाज के मन में एक टीस थी जो इस काल में हमारे देवों को अपमानित किया गया। उसको अपने हाथों से परिमार्जन कर स्वाभिमान का अनुभव करेगा। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए किए गए संघर्ष को याद किया। कहा कि कभी इस प्रकार का माहौल नहीं आया कि समाज की संस्कृति और सभ्यता के नाते गौरव का अनुभव कर सके। यह राम जन्मभूमि हजारों साल के अपमान के पीड़ा को ढोने वाला है और हिन्दू समाज प्रेरणा लेकर फिर से इसे तैयार करने में जुटे हैं।
विश्व हिन्दू परिषद से जुड़ें हैं कामेश्वर चौपाल
कामेश्वर चौपाल कहते हैं कि पहली ईंट रखने वाला पल मैं जीवन भर नहीं भूल पाउंगा। वो क्षण हमें हमेशा गर्व का अहसास करवाता है। यह सभी जानते हैं कि राम मंदिर की नींव के लिए पहली ईंट रखने के साथ ही चौपाल इतने मशहूर हो गए कि वे दो बार बिहार विधान परिषद के सदस्य भी बने। भगवान श्रीराम का नाता बिहार से भी रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, उनकी पत्नी माता सीता का जन्म बिहार के सीतामढ़ी में हुआ था। तब से लेकर सीतामढ़ी और अयोध्या के रिश्ते को प्रगाढ़ माना जाता है। जब अयोध्या में राममंदिर के बनाने के लिए संघर्ष चल रहा था तब विश्व हिन्दू परिषद के आह्वान पर राममंदिर के निर्माण के लिए बिहार से कामेश्वर चौपाल भी ईंट लेकर अयोध्या पहुंचे थे। आज लोग उनके इस कार्य को याद करते हैं। जितना कमलेश्वर इस काम को करके खुद को धन्य समझते हैं उतना ही हर राम भक्त उनको सराहता है।
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