शिमला-नैनीताल तो घूमे होंगे, जानिए अंग्रेजों ने हिल स्टेशनों पर Mall Road क्यों बनाए?
अंग्रेजों ने भारत के पहाड़ी इलाकों में कई हिल स्टेशन बसाए और इनके साथ ही वहां पर माल रोड भी बनाए। आपने इन शहरों में माल रोड की सैर की होगी और शॉपिंग का भी लुत्फ लिया होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज जिस तरह से इन माल रोड का इस्तेमाल हो रहा है, अंग्रेजों ने इन्हें उस लिहाज से नहीं बनाया था।
अंग्रेजों ने माल रोड क्यों बनाए
शिमला, नैनीताल, मसूरी और मनाली जैसे हिल स्टेशनों पर घूमने के लिए आप भी कई बार गए होगे। इन सभी हिल स्टेशनों पर एक समानता है और वह है यहां के माल रोड। अंग्रेजों के समय में पहाड़ों पर बसाए गए शहरों में माल रोड की व्यवस्था खास है। अंग्रेजों के बसाए लगभग हर पहाड़ी शहर में माल रोड जरूर होती है। क्या आप जानते हैं अंग्रेजों ने हर पहाड़ी शहर में माल रोड क्यों बनाए होंगे? क्या आप माल रोड के पीछे कॉन्सेप्ट और इसका मतलब जानते हैं? नहीं जानते तो कोई बात नहीं, हम हैं न आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे।
माल रोड और आज के मॉलतमाम हिल स्टेशनों पर अंग्रेजों को बसाए माल रोड हैं और वहां पर शॉपिंग के ढेर विकल्प मिलते हैं। इन माल रोड पर बड़े-बड़े शोरूम के साथ ही छोटी-बड़ी कई दुकानें होती हैं, जहां से आप जी भरकर शॉपिंग कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ आज के बड़े-बड़े मॉल में भी होता है। मॉलों में तमाम बड़ी-बड़ी कंपनियों के शोरूम होते हैं और आप वहां से अपनी पसंद की शॉपिंग जी भरकर करते हैं। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि बले ही अंग्रेजी में माल रोड और मॉल की स्पेलिंग भले ही एक (Mall) हो, लेकिन दोनों में बड़ा फर्क होता है।
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माल रोड के माल शब्द का अर्थमाल रोड अंग्रेजी की माल (Mall) शब्द से आया है। जिसका मतलब एक विस्तृत, खुली जगह या सैरगाह होता है। इन सड़कों को विशाल और आकर्षक बनाने के लिए डिजाइन किया गया था। इन माल रोड का मकसद वॉक करने और सामाजिक मेलजोल बढ़ाने के लिए सुखद वातावरण प्रदान करना था।
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अंग्रेजों ने अपने लिए बनाए माल रोडभारत अंग्रेजों का गुलाम था और अंग्रेजों ने भारतीयों के लिए नहीं, बल्कि अपने लिए माल रोड बनाए थे। इन माल रोड पर वह अपने मनोरंजन के साधन जुटाते थे। उस समय माल रोड पर पेड़ों की कतार होती थी, जिससे माल रोड पर छांव बनी रहती थी।
गर्मी से बचने का उपायअंग्रेजों ने हिल स्टेशनों को भारत के मैदानी इलाकों में पड़ने वाली भीषण गर्मी से बचने के लिए बसाया था। यूरोपीय लोगों के लिए भारत में मैदानी इलाकों की गर्म और आद्र जलवायु स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत खराब थी। जबकि भारत पर राज कर रहे अंग्रेजों को इन हिल स्टेशनों पर ठंडा वातावरण मिलता और यहां की जलवायु उनके अनुकूल थी।
अंग्रेजों के आराम के लिए बने माल रोडइन हिल स्टेशनों पर बनाए गए माल रोड को अंग्रेजों ने अपने आराम के लिए बनाया। यहां पर ब्रिटिश निवासी टहलते थे, आपसी मेलजोल बढ़ाते थे और कई तरह की आरामदायक गतिविधियों का आनंद लेते थे। कुछ हिल स्टेशनों को मिलिट्री आउटपोस्ट के तौर पर भी तैयार किया गया था। जिन हिल स्टेशनों को मिलिट्री के लिहाज से बसाया गया था, वहां पर सैनिकों की आसान आवाजाही और उनके सामान की आसान आवाजाही के लिए माल रोड बनाया गया।
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ब्रिटिश लाइफस्टाइलभव्य बिल्डिंगें और सुव्यवस्थित सड़कें अंग्रेजों की लाइफस्टाइल का हिस्सा थीं। इसके अलावा यह माल रोड अंग्रेजों के लिए अपनी ताकत और अधिकार को दर्शाने का एक माध्यम भी थे। हिल स्टेशनों पर बनाए गए माल रोड ने एक आधुनिक और परिष्कृत औपनिवेशिक प्रशासन की छवि बनाने में भी मदद की।
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