बहराइच में भेडियों के मुंह लगा खून, 9 लोगों की ले चुके हैं जान, ऐसे मौत को अंजाम दे रहे आदमखोर

Wolves Terror in Bahraich: बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक जारी है। आदमखोर भेड़ियों का झुंड अबतक 9 लोगों की जान ले चुका है। प्रभावित क्षेत्रों में ड्रोन से कड़ी निगरानी के बीच इनको पकड़ने के लिए जंगल में जाल, पिंजड़े इत्यादि रखे गए हैं।

Terror of wolves in Bahraich,

फोटो (AI)

मुख्य बातें
  • बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक
  • 40 दिन में 9 लोगों को उतारा मौत के घाट
  • अखिलेश यादव ने भेड़िए के हमलों को योगी सरकार की नाकामी बताया
Wolves Terror in Bahraich: महसी तहसील में आतंक का पर्याय बने आदमखोर भेड़ियों के हमलों से ग्रामीणों में दहशत है। भेड़ियों के झुंड ने 30 से 40 दिन के अंदर बच्चों सहित करीब 9 लोगों को मार दिया है। टीमें भेड़ियों को पकड़ने के लिए जंगल पर पहरा डाले हुए हैं। महसी के सीओ रूपेंद्र गौड़ का कहना है कि ये पकड़े जाएंगे या हो सकता है कि ये इस जंगल से भागकर दूसरे जंगल में पहुंच जाएं। भेड़ियों को पकड़ने के लिए ड्रोन, जाल और पिंजरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। हम लगातार भेड़ियों को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। सुनिश्चित कर रहे हैं कि कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो। 8 लोगों की जान चली गई है और 15 अन्य घायल हो गए हैं। इधर, उत्तर प्रदेश के वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण सक्सेना ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और बचाव अभियान के विषय में अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।

वन विभाग की हेल्प में लगे अन्य विभाग

सिसैया चूड़ामणि के मजरा कोलैला गांव में पहुंचे वन मंत्री ने कहा कि भेड़ियों से जनता को बचाने में अनेक विभाग लगे हुए हैं। समस्या का समाधान जल्द होगा और तब तक हमने लोगों से लाठी-डंडे लेकर घरों में दरवाजे बंद कर सोने की अपील की है। जिन घरों में शौचालय या दरवाजे नहीं हैं उनके लिए सरकार की ओर से इसका इंतजाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां पुलिस, वन विभाग एवं अन्य विभागों की टीम मुस्तैदी से तैनात हैं। पीएसी लगाई जा रही है। जल्दी ही जानवर पकड़े जाएंगे लेकिन तब तक गांव वासियों को एहतियात बरतने की जरूरत है। तीन भेड़िए पकड़े जा चुके हैं और बाकी का पता चल गया है।

वन रक्षन ने इतने लोगों की मौत की पुष्टि की

मंत्री ने अधिकारियों को भेड़ियों को पकड़ने के अभियान को अंजाम तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। सक्सेना ने पीड़ित परिवारों से कहा कि इस दुख की घड़ी में शासन-प्रशासन आपके साथ है। वन मंत्री के साथ पहुंची प्रदेश की प्रमुख वन संरक्षक रेनू सिंह ने कहा कि भेड़िए के हमलों से पांच मौतों की पुष्टि हुई है। दो अन्य मौतें रिपोर्ट हुई हैं, लेकिन वे संदिग्ध हैं। उनकी जांच चल रही है, जांच के बाद पुष्टि होगी कि उनकी मौत भेड़िए के हमले से हुई है या किसी अन्य वजह से। तीन भेड़िए हम पकड़ चुके हैं। हम तब तक यहां से नहीं जाएंगे जब तक भेड़िए पकड़ नहीं लिए जाते।

एक भेड़िया सम्भवत: लंगड़ा

भेड़ियों को पकड़ने के अभियान के नोडल अधिकारी बाराबंकी के प्रभागीय वन अधिकारी आकाशदीप बधावन ने कहा कि शायद एक लंगड़े भेड़िए की आदत बिगड़ने से भेड़ियों का झुंड महसी क्षेत्र के इंसानी बच्चों के लिए काल बन गया है। अभी हमने जो पद चिन्ह के नमूने लिए हैं उनके मुताबिक बाकी बचे तीन में से एक भेड़िया सम्भवत: लंगड़ा है। इस कारण वह ठीक से चल नहीं पा रहा है और शिकार में असमर्थ लग रहा है। संभवतः इसीलिए वह आसान एवं कमजोर शिकार तलाशता है और घात लगाकर अकेले होने पर छोटे बच्चों को निशाना बनाता है।

30 लोगों को कर चुके हैं घायल

बहराइच के महसी तहसील में भेड़ियों का एक झुंड बीते डेढ़ महीनों से बच्चों को निशाना बना रहा है। पिछले 45 दिनों में छह बच्चों एवं एक महिला की मौत हो चुकी है जबकि करीब 30 लोगों को इन जानवरों ने घायल किया है। पुलिस, वन विभाग, राजस्व विभाग, ब्लाकों सहित तमाम विभागों के सैकड़ों लोग बचाव और राहत में जुटे हैं। वन विभाग ने भेड़ियों को पता करने के लिए ‘थर्मल एवं रेगुलर’ कैमरों वाले ड्रोन की मदद ली है।

20 किलोमीटर के दायरे में हैं आदमखोर

करीब 15 से 20 किलोमीटर के दायरे में आतंक उत्पन्न कर रहे भेड़ियों से बचाव के लिए ग्रामीण खुद जागरूक होकर रात-रातभर गश्त कर रहे हैं। भाजपा के क्षेत्रीय विधायक सुरेश्वर सिंह ने भी बंदूक उठा ली है और वह रात रात भर टार्च एवं राइफल लेकर ग्रामीणों के साथ गश्त कर रहे हैं। सोमवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भेड़िए के हमलों को योगी सरकार की नाकामी बताया था।
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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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