भारत के इस शहर में बनेगा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे, 60 किमी हवा में झूलेंगे आप

World’s second-largest ropeway: रोपवे में जाते हुए नीचे शहर को देखने का मजा आपने नैनीताल सहित कई हिल स्टेशनों पर लिया होगा। लेकिन यह सफर बहुत जल्दी खत्म हो जाता है। अब देश के एक शहर में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा और भारत का सबसे बड़ा रोपवे बनाने की तैयारी हो रही है। चलिए जानते हैं -

इस शहर में बनेगा देश का सबे बड़ा रोपवे

World’s second-largest ropeway: दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे भारत में बनेगा। यह सुनकर कितना अच्छा लगता है न! सोचिए उस शहर के लोगों को कितना गर्व होगा, जिन्हें पता चलेगा कि देश का सबसे बड़ा रोपवे वहां बन रहा है। वैसे तो कई पहाड़ी शहरों और पर्यटन स्थलों पर देश में पहले से ही रोपवे हैं, लेकिन अब कुछ मैदानी शहरों में भी रोपवे बनाए जा रहे हैं। ऐसे शहरों में से एक वाराणसी भी है। हालांकि, देश का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे वाराणसी (Varanasi) में नहीं बल्कि किसी और शहर में बनेगा। चलिए जानते हैं इस बारे में -

मार्च 2025 में होगी शुरुआतदुनिया का दूसरा और देश का सबसे बड़ा रोपवे (India's Largest Ropeway) हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला (Shimla) में बनाया जाएगा। राज्य के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दुनिया के इस सबसे लंबे रोपवे प्रोजेक्ट का काम 1 मार्च 2025 में शुरू हो जाएगा।

रोपवे रूट के नामबयान के अनुसार फॉरेस्ट क्लियरेंस एक्ट (FCA) के तहत फॉरेस्ट क्लियरेंस के लिए सभी जरूरी दस्तावेज यानी डॉक्यूमेंट्स को उसके पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। बताया गया है कि दुनिया के इस दूसरे सबसे लंबे रोपवे रूट में कुल 15 स्टेशन बनाए जाएंगे और तीन रूट लाइन होंगी, जिनके नाम नीचे दिए गए हैं -

  • मोनाल लाइन (Monal Line)
  • देवदार लाइन (Deodar Line)
  • एप्पल लाइन (Apple Line)
राज्य के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के पास राज्य के परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की जिम्मेदारी भी है। उन्होंने बताया कि न्यू डेवलपमेंट बैंक के फैक्ट फाइंटिंग मिशन की ओर से 2 जून-10 जून के बीच इंस्पेक्शन किया गया और 12 जुलाई को प्रोजेक्ट के लिए अपनी सहमति दे दी है। उन्होंने बताया कि संभवत: दिसंबर में होने वाली बैंक के निदेशक मंडल (Board of Directors) की बैठक में इसे औपचारिक मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

शिमला रोपवे की लागत और यात्री किरायाउपमुख्यमंत्री ने बताया कि जहां तक शिमला रोपवे के किराए का प्रश्न है तो यह स्थानीय निवासियों और पर्यटकों (Tourists) के लिए अलग-अलग होगा। उन्होंने कहा कि किराया राज्य सरकार ही तय करेगी।

शिमला रोपवे की कुल लंबाई 60 किमी होगी और इस प्रोजेक्ट की कुल लागत में से 20 फीसद सरकार खर्च करेगी। जबकि इसकी 80 फीसद लागत न्यू डेवलपमेंट बैंक से लोन के रूप में मिलेगी। शुरुआत में इस रोपवे के जरिए हर घंटे 2000 लोग सफर कर पाएंगे, जबकि 2059 तक इसकी क्षमता दोनों तरफ मिलाकर 6000 तक बढ़ाई जाएगी।

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