UP में एक्‍सप्रेस-वे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाएगी योगी सरकार, डबल इंजन की तेजी से होगा विकास

UP Expressway: उत्‍तर प्रदेश देश का इकलौता राज्‍य है जिसके पास सबसे ज्‍यादा एक्‍सप्रेस वे हैं। सक्रिय एक्‍सप्रेस वे की बात करें तो इसमें पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे के नाम शामिल हैं।

पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे। (सांकेतिक फोटो)

UP Expressway: उत्‍तर प्रदेश के विकास की रफ्तार को गति देने लिए अब योगी सरकार एक और फैसला लिया है। उत्‍तर प्रदेश में अब नए एक्सप्रेसवे बनाकर कनेक्टिविटी को सुदृढ़ बनाया जाएगा और फिर इसके बाद एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक केंद्रों की स्थापना की जाएगी। सीएम योगी आदित्‍यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) ने औद्योगिक केंद्रों के लिए स्थलों को चिह्नित कर लिया है।

फैसले के तुरंत बाद इस योजना पर काम शुरू हो गया है। रोडमैप के तहत यूपी में 5 एक्सप्रेसवेज के किनारे यूपीडा औद्योगिक केंद्रों की स्थापना करेगा। इनमें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे एवं गंगा एक्सप्रेसवे शामिल हैं। बता दें कि इस पूरे प्रोजेक्‍ट पर योगी सरकार तकरीबन 7 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करेगी। यूपीडा ने बैठक के दौरान सीएम योगी के सामने सभी पांच एक्सप्रेसवेज के किनारे स्‍पॉट किए गए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का प्रेजेंटेशन प्रस्‍तुत किया।

कॉरिडोर बनाने में इतना होगा खर्च

देश के सबसे बड़े सूबे में गंगा एक्सप्रेसवे पर 11 स्‍थान कॉरिडोर के लिए स्‍पॉट किए गए हैं। इनका कुल क्षेत्रफल 1522 हेक्टेयर है। यहां तकरीबन 2300 करोड़ का खर्च आएगा। वहीं, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे 6 स्‍थान चिह्नित किए गए हैं। 1884 हेक्टेयर के इस स्‍थान पर 1500 करोड़ से ज्यादा रुपये का खर्च आएगा। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़े 10 जनपदों में 532 हेक्टेयर क्षेत्रफल के 5 स्‍थान चिह्नित हुए हैं, जिनमें 650 करोड़ खर्च हो सकते हैं। वहीं, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की 1586 हेक्टेयर भूमि पर पांच स्‍थान बनाए गए हैं जिन पर तकरीबन 2300 करोड़ खर्च होंगे। इसके बाद सबसे अंतिम नाम हैगोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का जिसकी 345 हेक्टेयर जमीन पर 2 स्‍थान चुने गए हैं। इसमें 320 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।

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