योगी कैबिनेट में मंत्री दयाशंकर सिंह स्‍वामी प्रसाद मौर्य पर बरसे, कहा- चर्चा में बने रहने के लिए ऐसे बयान देते हैं

Uttar Pradesh News: हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्य ने सवाल उठाया था कि देवी लक्ष्मी के चार हाथ कैसे हो सकते हैं? इससे विवाद हो गया था। पूर्व में रामचरितमानस और बद्रीनाथ मंदिर पर मौर्य की टिप्पणियों से भी विवाद उठा था।


दयाशंकर सिंह और स्‍वामी प्रसाद मौर्य।

Uttar Pradesh News: उत्‍तर प्रदेश सरकार के परिवहन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि मौर्य की राजनीति समाप्त हो गई है और वह चर्चा में बने रहने के लिए हिंदू समाज को लेकर ऊल-जलूल बयान देते हैं। परिवहन मंत्री सिंह ने जिला मुख्यालय में हिंदू समाज को लेकर सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के हालिया बयान की निंदा की। वे बोले कि, 'मौर्य पिछला विधानसभा चुनाव हारने के बाद विचलित हो गए हैं। वह चर्चा में बने रहने के लिए हिंदू समाज को लेकर ऊल-जलूल बयान देते हैं। मौर्य की राजनीति समाप्त हो गई है, समाज के लोग अब उनको तवज्जो नहीं देते तथा जनता ने उन्हें नकार दिया है।'

इस बयान पर बवाल

बता दें कि, हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्य ने सवाल उठाया था कि देवी लक्ष्मी के चार हाथ कैसे हो सकते हैं? इससे विवाद हो गया था। पूर्व में रामचरितमानस और बद्रीनाथ मंदिर पर मौर्य की टिप्पणियों से भी विवाद उठा था। रविवार की रात बलिया के खनवर गांव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता उमाशंकर सिंह ने कहा 'भगवान सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को सद्बुद्धि दें। मौर्य जो धर्म चाहें उसे मानें लेकिन किसी भी धर्म को लेकर टिप्पणी करना उचित नहीं है।'

मानस की चौपाइयों पर मौर्य का विवादित बयान

स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसी वर्ष 22 जनवरी को श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए कहा था कि उनमें पिछड़ों, दलितों और महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी हैं, जिससे करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है, लिहाजा इस पर पाबंदी लगा दी जानी चाहिए। मौर्य की इस टिप्पणी को लेकर साधु-संतों तथा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी कड़ी आलोचना की थी। उनके खिलाफ प्रतापगढ़ के अलावा लखनऊ के पीजीआई थाने में भी मुकदमा दर्ज किया गया। उनके समर्थन में आए एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने श्रीरामचरितमानस के कथित आपत्तिजनक अंश की प्रतियां जलाई थीं।

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