Air Pollution In NCR: प्रदूषण से निपटने के लिए योगी सरकार का सख्त निर्देश, इन कार्यों पर लगाई रोक

Air Pollution In NCR- दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एनसीआर के शहरों में चल रहे निर्माण कार्यों की गति कम करने के निर्देश दिए हैं। 500 वर्ग मीटर के भूखंडों के बिना पंजीकरण के निर्माण करने पर रोक लगा दी गई है। अब ठेकेदारों को डस्ट एप पर भी पंजीकरण कराना होगा।

Air Pollution In Delhi NCR

प्रदूषण से निपटने के लिए योगी सरकार का सख्त निर्देश

नोएडा: एनसीआर समेत यूपी के कई अन्य शहरों में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सीएम योगी ने कड़े कमद उठाने के निर्देश दिए हैं। ये फैसला एनसीआर के यूपी वाले हिस्से के शहरों में लागू होगा। फिलहाल, 500 वर्ग मीटर के भूखंडों के बिना पंजीकरण के निर्माण करने पर रोक लगा दी गई है। अब निर्माण के लिए ठेकेदारों को डस्ट एप पर भी पंजीकरण कराना होगा। इस समस्या को संज्ञान में लेते हुए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी निर्देश जारी किए हैं।

सीएम योगी ने वायु प्रदषण को किया महसूस

शुक्रवार को भी सीएम योगी ने दिल्ली-एनसीआर के शहरों के गैस चैंबर बनने पर चिंता जाहिर की थी। सीएम ने कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर पंजाब, हरियाणा, यूपी और दिल्ली समेत 5-6 राज्यों को नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा दिल्ली जाते समय मैं गाजियाबाद उतरा, जैसे ही मैं विमान से बाहर निकला तो मेरी आंखों में जलन होने लगी और मुझे एहसास हुआ कि यह धुंध के कारण है। जब मैंने पराली जलाने और औद्योगिक प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्रों को देखने के लिए नासा के उपग्रह चित्रों को देखा तो पाया कि पूरे पंजाब और हरियाणा के उत्तरी हिस्सों में पराली जलाई जा रही है। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरी आंखों में जलन होने लगी। उन्होंने कहा था कि पंजाब में पराली के प्रबंधन में खामियों के चलते दूसरे शहरों को प्रदूषण की मार झेलनी पड़ रही है। लिहाजा, सीएम ने शहरी क्षेत्रों में चल रहे कंसट्रक्शन कार्यों को लेकर गंभीरता दिखाई है। खासकर, 500 वर्ग मीटर के भूखंडों के बिना पंजीकरण के निर्माण करने पर रोक लगाकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। अब निर्माण के लिए ठेकेदारों को डस्ट एप पर भी पंजीकरण कराकर ही कार्य करने होंगे।

दिवाली के आसपास हवाएं होंगी बेहद प्रदूषित

दरअसल, पांच दिनी दीपोत्सव की शुरुआत 10 नवंबर से होने वाली है। इस दौरान बड़ी संख्या में आतिशबाजी होनी तय मानी जा रही है। ऐसे में अगले दिन 11 नवंबर से वातावरण में हवाएं खराब होनी शुरू हो जाएंगी। इसके बाद छोटी और 12 नवंबर को मुख्य दीपावाली का पर्व है। इस दिन गांवों से लेकर कस्बों और शहरों में सबसे ज्यादा आतिशबाजी जलाई जाएगी। कुल मिलाकर पटाखों से मिकलने वाला धुआं अगले कई दिनों तक छाया रहने की उम्मीद। मौसम विभाग ने भी कहा है कि अगर, तेज हवाएं नहीं चलीं तो कई दिनों तक धुंध छाई रह सकती है। हालांकि, एनसीआर के शहरों में कई दिन धुंध के कारण सूरज ने अपनी शक्ल नहीं दिखाई। अभी तो नंवबर की शुरुआत है। आने वाले दिनों में हालात और बदतर होने की प्रबल संभावना है।

फेफड़ों की समस्या बढ़ी

इस तरह से प्रदूषण के बीच सांस, फेफड़े और टीबी रोगियों को परेशानी बढ़नी लाजमी है। जब से प्रदूषण में बढ़ोतरी शुरू हुई है अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है। कईयों को नेबुलाइजर देने की जरूरत पड़ रही है। स्वस्थ लोगों के भी खराब हवाओं से गले खराब और आंखों में जलन की समस्या देखने को मिल रही है। लोग खांसी के साथ खराश की दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। बुखार के साथ खांसी और जुकाम भी पिछले सप्ताह लोगों को परेशान कर रहा है।

दशहरे के वक्त से ही व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और घरों में साफ-सफाई जारी है। इनसे उठने वाली धूल हवा में घुल रही है। सफाई के दौरान दीवारों को खुरचने और पेंट आदि करने से केमिकल के सूक्ष्म कण भी हवा में शामिल हो रहे हैं। साथ ही वाहनों से निकलने वाली गैस और धुंआं मिलकर हवाओं को दमघोंटू बना रही रहे हैं। यही कारण है कि सड़कों पर चलते वक्त आखों में जलन महसूस हो रही है।

हालांकि, नगर निगम शहरी इलाकों में लगातार पानी का छिड़काव करा रहा है, लेकिन यह कुछ प्रमुख सड़कों तक ही सीमित है। बड़ी सड़कों को जोड़ने वाले रास्तों पर धूल के उठ रहे गुबार हवा में मिल रहे हैं। इसके अलावा मेट्रो समेत चल रहे कई निर्माण कार्यों से भी हवाओं का बेड़ागर्क हो रहा है। निजी निर्माण के साथ कूड़ा जलाना, उपले और लकड़ियों को जलाने से भी एक्यूआई बढ़ रहा है।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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