दीपक चाहर के पिता हुए भावुक, किए शुरुआती दिनों व मेहनत से जुड़े दिलचस्प खुलासे

क्रिकेट
Updated Nov 11, 2019 | 18:43 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

नागपुर टी20 में बांग्लादेश के खिलाफ ऐतिहासिक प्रदर्शन करके टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ आंकड़े दर्ज करान वाले दीपक चाहर की चर्चा हर तरफ है। उनके पिता लोकेंद्र सिंह ने कुछ दिलचस्प बातें बताई हैं।

Deepak Chahar family
Deepak Chahar with father and brother Rahul Chahar  |  तस्वीर साभार: Instagram

नई दिल्ली: कोई भी चीज आसानी से हासिल नहीं होती और दीपक चाहर ने रविवार रात नागपुर टी20 में जो कर दिखाया उसके पीछे भी सालों की मेहनत और संघर्ष छुपा है। बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे और फाइनल टी20 मैच में हैट्रिक सहित रिकार्ड प्रदर्शन (7 रन देकर 6 विकेट) करने वाले तेज गेंदबाज दीपक चाहर के पिता लोकेंद्रसिंह चाहर ने कहा है कि नेट पर कम से कम एक लाख गेंद फेंकने के बाद उनका बेटा इस तरह का प्रदर्शन कर पाया। इसके अलावा भी उनके पिता ने कुछ दिलचस्प बातों से पर्दा उठाया है।

कम से कम एक लाख गेंदें फेंकी

वायुसेना के सेवानिवृत्त कर्मचारी लोकेंद्र सिंह इस दिन का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। उनके बेटे दीपक ने आखिरकार ‘जादुई प्रदर्शन’ किया जिसकी शुरुआत आगरा में एक टर्फ विकेट पर हुई थी। लोकेंद्रसिंह और उनका बेटा जिस लम्हें को हमेशा याद रखेगा वह नागपुर में बांग्लादेश के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान आया जहां दीपक ने 3.2 ओवर में सात रन देकर छह विकेट चटकाए। लोकेंद्रसिंह ने आगरा से पीटीआई को बताया, ‘इस तरह के प्रदर्शन से पहले उसने नेट पर कम से कम एक लाख गेंदें फेंकी होंगी। अब मुझे महसूस हो रहा है कि हम दोनों ने जिस सपने को संजोया थो वह धीरे धीरे साकार हो रहा है।’

मैं क्रिकेटर बनना चाहता था लेकिन..

आगरा का रहने वाला चाहर परिवार शुरुआत में राजस्थान के गंगानगर में रहता था जहां लोकेंद्रसिंह भारतीय वायुसेना के लिए काम करते थे। उन्होंने कहा, ‘जब मैंने भारतीय वायुसेना में अपनी नौकरी छोड़ी तो मुझे पता था कि मैं क्या कर रहा था। जब मैंने अपने 12 साल के बेटे को खेलते हुए देखा तो मुझे पता था कि उसमें क्षमता है। उसमें कुछ नैसर्गिक क्षमताएं थी।’ लोकेंद्रसिंह ने कहा, ‘मैं क्रिकेटर बनना चाहता था लेकिन मेरे पिता ने स्वीकृति नहीं दी। इसलिए जब बात मेरे बेटे की आई तो मैं चाहता था कि वह अपने सपने को साकार करे जो मेरा सपना भी था। मेरे पास कोचिंग की कोई औपचारिक डिग्री नहीं थी लेकिन मैंने दीपक का मार्गदर्शन करना सीखा।’

बचाए हुए पैसों से बनवाई कंक्रीट पिच

दीपक के पिता ने अपने बचाए हुए पैसों से अपने गृहनगर आगरा में एक टर्फ और एक कंक्रीट की पिच बनवाई जहां उनका बेटा ट्रेनिंग कर सके। लोकेंद्रसिंह ने बताया, ‘कड़ी ट्रेनिंग के कारण वह आठवीं के बाद नियमित स्कूल नहीं जा पाया। तब दिन के 24 घंटे भी कम लगते थे। ट्रेनिंग, जिम, आराम और फिर उबरना। उसने हालांकि स्नातक तक पढ़ाई पूरी की।’

मैलकम मार्शल के वीडियो देखकर देते थे ट्रेनिंग

औपचारिक डिग्री नहीं होने के बावजूद वह कैसे कोचिंग देते थे, इस बारे में पूछे जाने पर लोकेंद्रसिंह ने कहा, ‘मेरे पसंदीदा गेंदबाज मैलकम मार्शल हैं और मुझे डेल स्टेन भी पसंद है। मैंने उनके वीडियो देखता था, आउट स्विंग करते हुए उनकी कलाई की स्थिति, कमेंटेटरों को सुनता था और इससे जो सीखता था उसे लेकर दीपक के साथ काम करता था।’ दीपक 27 साल के हैं और उनके पिता का मानना है कि इस तेज गेंदबाज के पास शीर्ष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के छह से सात वर्ष है और इस दौरान टेस्ट क्रिकेट में खेलने का मौका मिलना सोने पर सुहागा होगा। उन्होंने कहा, ‘अगर उसे पारंपरिक प्रारूप में खेलने का मौका मिलता है तो यह शानदार होगा।’

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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18 की उम्र में बटोरी थी सुर्खियां

दीपक चाहर ने सबसे पहले 18 साल की उम्र में सुर्खियां बटोरी थी जब उन्होंने अपनी बेहतरीन स्विंग गेंदबाजी से हैदराबाद के बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त कर दिया था। उन्होंने रणजी ट्राफी में पदार्पण करते हुए 10 रन देकर आठ विकेट चटकाए जिससे हैदराबाद की टीम 21 रन पर ढेर हो गई। उनका यह प्रदर्शन यूट्यूब के घरेलू क्रिकेट पर सबसे ज्यादा देखे जाने वाले वीडियो में शामिल है। दीपक ने घरेलू क्रिकेट में शानदार शुरुआत करते हुए रणजी ट्रॉफी विजेता राजस्थान की ओर से 40 से अधिक विकेट चटकाए लेकिन अगले कुछ वर्षों में चोट के कारण उनकी प्रगति प्रभावित हुई।

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