5 लुटरे, 18 महीने की प्लानिंग और फिर हो गई दुनिया की सबसे बड़ी डायमंड लूट; सैंडविच ने खोल दिया मास्टरमाइंड का राज

World Biggest Diamond Robbery: दुनिया के सबसे बड़े हीरा व्यापार केंद्र के रूप में जाना जाने वाला बेल्जियम का एंटवर्प डायमंड सेंटर में यह लूट 2003 में हुई थी। तब इन हीरों की कीमत लगभग 8 अरब रुपये थे। इस चोरी के बाद व्यापारी के साथ-साथ पुलिस भी हैरान रह गई थी। जिसकी कभी कल्पना ही नहीं की गई थी, उसे पांच लोगों ने मिलकर लूट लिया था।

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बेल्जियम में हुई दुनिया की सबसे बड़ी डायमंड लूट (प्रतीकात्मक फोटो- pixabay)

World Biggest Diamond Robbery: दुनिया में एक से एक चोरी हुई है, लेकिन बेल्जियम में हीरों की चोरी की एक घटना ने सबको हिलाकर रख दिया है। जहां से चोरी करना लगभग नामुमकिन था, वहां से 5 चोरों ने दुनिया की सबसे बड़ी डायमंड लूट को अंजाम दे दिया। इन पांचों में से चार आजतक पकड़े नहीं जा सके हैं, हालांकि मास्टरमाइंड जरूर पकड़ा गया लेकिन पूरे हीरे कभी नहीं मिल पाए।

कहां हुई लूट

दुनिया के सबसे बड़े हीरा व्यापार केंद्र के रूप में जाना जाने वाला बेल्जियम का एंटवर्प डायमंड सेंटर में यह लूट 2003 में हुई थी। तब इन हीरों की कीमत लगभग 8 अरब रुपये थे। इस चोरी के बाद व्यापारी के साथ-साथ पुलिस भी हैरान रह गई थी। जिसकी कभी कल्पना ही नहीं की गई थी, उसे पांच लोगों ने मिलकर लूट लिया था।

अभेद्य था सेंटर

बेल्जियम में स्थित एंटवर्प डायमंड सेंटर अपने कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल के लिए प्रसिद्ध है। पूरे परिसर में रणनीतिक रूप से तैनात सशस्त्र कमांडो और अत्याधुनिक सीसीटीवी निगरानी के साथ, इस व्यापार केंद्र का हर कोना हमेशा निगरानी में रहता था। बेशकीमती हीरों को रखने वाली तिजोरियां तहखाने में थीं। जो ड्रिल-प्रतिरोधी स्टील से बनी थी। एक खास चाबी के अलावा इसे और किसी तरह से नहीं खोला जा सकता था।

कौन था मास्टरमाइंड

इस डकैती का मास्टरमाइंड लियोनार्डो नोटारबार्टोलो था। उसकी सहायता के लिए चार सहयोगी थे, जिनमें से प्रत्येक के पास योजना के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक अद्वितीय कौशल था। लियोनार्डो नोटारबार्टोलो ने खासतौर से चुना था।

18 महीनों की प्लानिंग

इन पांचों ने पूरे 18 महीने तक प्लानिंग की। इस अवधि के दौरान, अपराधियों ने डायमंड सेंटर के भीतर एक दुकान ले लिया। जिससे वो सेंटर में आराम से आ जा सकें।लियोनार्डो ने खुद को एक हीरा व्यापारी के रूप में वहां पेश किया और जल्द ही अपनी पहचान बना ली। इसके बाद वो अंदर की सारी जानकारी इकट्ठी करने लगा। टीम ने डकैती के लिए सावधानीपूर्वक तैयारी की, जिसमें अभ्यास सत्र के लिए एक नकली वॉल्ट का निर्माण भी शामिल था।

फोन के इस्तेमाल पर था प्रतिबंध

इस बिल्डिंग में न तो कोई फोन इस्तेमाल कर सकता था और न ही कैमरा। इसके बाद भी लियोनार्डो एक पेन के भीतर छिपे गुप्त कैमरे का उपयोग करके महत्वपूर्ण फुटेज कैप्चर करने में कामयाब रहा। इससे उन्हें परिसर और यहां तक कि तहखाने में भारी सुरक्षा वाली तिजोरी की तस्वीरें लेने में सफलता मिल गई। इस जानकारी से लैस होकर, चोरों ने सुरक्षा घेरा को तोड़ा और हेयरस्प्रे कैन का उपयोग करके वॉल्ट गेट के सेंसर को निष्क्रिय कर दिया। जिसके बाद एक नकली चाबी बना ली गई।

और कर डाली चोरी

सारी जानकारी जब मिल गई तो चोरों ने 15 फरवरी, 2003 को चोरी को अंजान दे डाला। चोर आराम से बिल्डिंग के अंदर घुसे, तिजोरी खोले और हीरे लेकर फरारा हो गए।

4 आज भी फरार

चोरी के बाद सभी भाग निकले, रास्ते में खाना खाय और यहीं उन्होंने एक गलती कर दी। सैंडविच के एक बिल को जलाना भूल गए, जो मास्टरमाइंड लियोनार्डो नोटारबार्टोलो के नाम पर था। लियोनार्डो नोटारबार्टोलो चोरी के बाद इटली भागने की फिराक में था, लेकिन पकड़ा गया, हालांकि बाकी चोर आजतक नहीं पकड़े जा सके। लियोनार्डो नोटारबार्टोलो ने कभी उनके बारे में पुलिस को नहीं बताया।

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