Air India Urination Case: पेशाब कांड की पीड़िता पहुंची SC, कहा- ऐसे मामलों में गाइडलाइन बनाना जरूरी

Air India Urination Case: एयर इंडिया पेशाब कांड मामले में एयर इंडिया की काफी फजीहत हो चुकी है। कई आरोप इस एयरलाइन पर लग चुका है। मामला कोर्ट में है सुनवाई भी जारी है। आरोपी शंकर मिश्रा इस समय जमानत पर बाहर है। घटना के समय शंकर मिश्रा शराब के नशे में डूबा हुआ था।

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Air India Pee Gate: महिला ने न्यायालय से एसओपी संबंधी निर्देश देने का अनुरोध किया

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल

Air India Urination Case: एयर इंडिया पेशाब कांड (Air India Pee Gate) मामले की पीड़िता अब ऐसे मामलों को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। उन्होंने मांग की है कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए गाइडलाइंस जरूरी है।

क्या कहा महिला ने

महिला ने कहा कि एअर इंडिया और डीजीसीए इस घटना के बाद उसके साथ जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करने में विफल रहे, जिसके कारण उसे अदालत का दरवाजा खटखटाने पर विवश होना पड़ा। इसलिए कोर्ट नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और विमानन कंपनियों को इस प्रकार के मामलों से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाने का निर्देश दे। पीड़िता ने पटियाला हाउस अदालत में चल रहे आपराधिक मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर इस आधार पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की है कि सूचनाएं लीक होने से "निष्पक्ष सुनवाई" प्रभावित हो रहा है।

क्या है पूरा मामला

यह घटना पिछले साल नवंबर की है। तब न्यूयॉर्क से नई दिल्ली आ रही एयरइंडिया का एक फ्लाइट में एक 72 वर्षीय महिला पर एक यात्री ने शराब के नशे में पेशाब कर दिया था। 72 वर्षीय महिला एयर इंडिया बिजनेस क्लास फ्लाइट AI102 में यात्रा कर रही थी। अपनी शिकायत में, पीड़िता ने कहा कि दोपहर के भोजन के तुरंत बाद, बिजनेस क्लास का एक पुरुष यात्री पूरी तरह से नशे में उनकी सीट के पास आया और उसने पैंट खोलकर उनपर पेशाब कर दिया।

हुआ था विवाद

इस केस के बाद काफी विवाद हुआ, सवालों के घेरे में एयर इंडिया भी आया। पीड़िता के साथ समझौता कराने का भी आरोप लगा। कई बातें हुईं, इस बीच आरोपी शंकर मिश्रा फरार रहा। शंकर मिश्रा को छह जनवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था और अदालत ने सात जनवरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। बाद में 31 जुलाई को कोर्ट ने आरोपी शंकर मिश्रा को जमानत देते हुए कहा था कि सबूत जुटाने के लिए उसकी हिरासत की अब जरूरत नहीं है। निचली अदालत ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम की जमानत राशि पर मिश्रा को यह राहत दी थी।

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