Baby Care Center Fire: आग देख भागा स्टॉफ, जिंदादिल लोगों ने बचाई 5 नवजातों की जान, इंसाफ की मांग कर रहे पीड़ित परिवार
Baby Care Hospital Fire: बच्चों के इस अस्पताल में शनिवार रात भीषण आग लगी। हादसे के वक्त वहां 12 नवजात थे जिनमें से सात बच्चों ने दम तोड़ दिया। आग से घिर बच्चों को बचाने के लिए वहां मौजूद लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर एक-एक कर बच्चों को बाहर निकाला।
शनिवार रात की है घटना।
Baby Care Hospital Fire: पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार के बेबी केयर अस्पताल में लगी भीषण आग में सात नवजातों की जिंदगियां तो समाप्त हो गईं लेकिन लोगों की सूझबूझ और दिलेरी से पांच बच्चों की जान बच गई। हैरान करने वाली बात यह है कि जहां बच्चों को बचाने के लिए कुछ लोगों ने जिंदादिली दिखाई वहीं आग की लपटें देखकर अस्पताल का स्टॉफ वहां से भाग खड़ा हुआ। पांच बच्चों को नई जिंदगियां देने वाले इन लोगों की आज हर कोई तारीफ कर रहा है। अपने बच्चों को खोने वाले पीड़ित परिवार सदमे में हैं और अपने लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। घटना के बाद, जीटीबी अस्पताल पहुंची शाहदरा की जिलाधिकारी को बच्चों के परिवार के सदस्यों के गुस्से का सामना करना पड़ा। परिवारों ने अपने लिए इंसाफ की मांग की।
हादसे के वक्त अस्पातल में 12 नवजात थे
बता दें कि बच्चों के इस अस्पताल में शनिवार रात भीषण आग लगी। हादसे के वक्त वहां 12 नवजात थे जिनमें से सात बच्चों ने दम तोड़ दिया। आग से घिर बच्चों को बचाने के लिए वहां मौजूद लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर एक-एक कर बच्चों को बाहर निकाला। आग इतनी भीषण थी कि उसे पर काबू पाने में दमकल की 16 गाड़ियों को करीब तीन घंटे का समय लगा।
एक बच्चे की हालत नाजुक
अस्पताल की इमारत के पिछले हिस्से में मौजूद खिड़की के रास्ते सभी 12 बच्चों को निकालकर पूर्वी दिल्ली के एडवांस एनआईसीयू अस्पताल में भर्ती कराया, जहां सात मासूमों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि पांच बच्चों का उपचार जारी है। इनमें एक नवजात की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।
सिलेंडर से फैली आग!
बताया जा रहा है कि नियमों की अनदेखी कर अस्पताल का संचालन हो रहा था। शुरुआती जांच में कई तरह की अनियमितताएं सामने आई हैं। रिपोर्टों के मुताबिक अस्पताल के भूतल पर अवैध रूप से ऑक्सीजन के छोटे सिलेंडर भरे जा रहे थे। यहीं से आग लगी जो जिसने अस्पताल को अपनी चपेट में ले लिया। दिल्ली सरकार ने इस घटना के मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि आग लगने के बाद वहां करीब आठ सिलेंडर फटे जिनका मलबा दूर तक गिरा।
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मृतक बच्चों में 4 लड़के, 3 लड़कियां
घटना में जान गंवाने वाले बच्चों में चार लड़के और तीन लड़कियां शामिल हैं। 25 दिन के एक बच्चे को छोड़कर अन्य सभी 15 दिन के थे। पुलिस ने कहा कि शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेज दिया गया है। विवेक विहार पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 336 (दूसरों के जीवन और व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य) और 304ए (लापरवाही से मौत), 304 (गैर इरादतन हत्या के लिए सजा) और 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि आग लगने का प्रारंभिक कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, लेकिन जांच जारी है। दिल्ली सरकार ने अग्निकांड की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। एक आदेश में, संभागीय आयुक्त अश्विनी कुमार ने शाहदरा की जिलाधिकारी को घटना की जांच करने का निर्देश दिया। पुलिस ने कहा कि लाइसेंस की अवधि समाप्त होने के अलावा, अस्पताल में योग्य डॉक्टर भी नहीं थे और अग्निशमन विभाग से कोई मंजूरी भी नहीं ली गई थी।
अस्पताल का लाइसेंस 31 मार्च को ही समाप्त हो चुका था
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) ने कहा, ‘दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) द्वारा ‘बेबी केयर न्यू बोर्न चाइल्ड हॉस्पिटल’ को जारी किया गया लाइसेंस 31 मार्च को ही समाप्त हो चुका है।’उन्होंने कहा, ‘हां तक कि उक्त अस्पताल को जारी किया गया लाइसेंस भी केवल पांच बिस्तरों की ही अनुमति देता है।’ चौधरी ने कहा, ‘जांच के दौरान, हमें पता चला कि इस अस्पताल के डॉक्टर गहन देखभाल की आवश्यकता वाले नवजात शिशुओं के इलाज के लिए योग्य/सक्षम नहीं हैं, क्योंकि वे केवल बीएएमएस डिग्री धारक हैं।’
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अस्पताल में कोई अग्निशामक यंत्र नहीं था
पुलिस ने कहा कि अस्पताल में आग लगने की स्थिति से निपटने के लिए वहां कोई अग्निशामक यंत्र नहीं लगाया गया था और इसके अलावा किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में अस्पताल में कोई आपातकालीन निकास भी नहीं था। इस बीच, अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अस्पताल ने विभाग से कोई एनओसी नहीं ली थी। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में शनिवार रात करीब 11:30 बजे आग लग गई और जल्द ही यह दो अन्य इमारतों में भी फैल गई।
पीएम ने घटना पर शोक जताया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल वीके सक्सेना और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने घटना को हृदय विदारक बताते हुए प्रत्येक मृतक के लिए दो-दो लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की। केजरीवाल ने कहा कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार रहे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी कहा कि लापरवाही बरतने वाले या गलत काम में लिप्त लोगों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।
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