शेयर बाजार में निवेश और केमिस्ट से दोस्ती युवती को पड़ी भारी, दुकान के अंदर गला दबाकर किया लड़की का कत्ल
बहन के गायब होने के बाद भाई के दिमाग में कई तरह की बातें आने लगी। आखिरकार प्रियंका के भाई हिमांशु ने कोतवाली पुलिस के पास गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस हरकत में आई और उसके फोन कॉल के जरिए उसकी आखिरी लोकेशन की तलाश की और यहीं से आरोपी पकड़ में आ गया।
केमिस्ट ने की युवती की हत्या
ऐसे आरोपी के संपर्क में आई प्रियंका
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, बिलासपुर सिटी कोतवाली के एसएचओ प्रदीप आर्य ने बताया कि पुलिस ने आरोपी आशीष साहू (27) के खिलाफ धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। मेडिकल स्टोर चलाने के अलावा, आरोपी शेयर बाजार का कारोबार करता था और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के ऑनलाइन आवेदन जमा करता था। पीड़िता की पहचान 24 वर्षीय प्रियंका सिंह राजपूत के रूप में हुई है, जो पीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अपने ऑनलाइन आवेदन जमा करने के दौरान आरोपी के संपर्क में आई थी।
शेयर मार्केट का चस्का पड़ा भारी
जब उनकी दोस्ती हो गई तो आरोपी ने प्रियंका को शेयर बाजार में निवेश करने के लिए राजी किया। अप्रैल 2022 में प्रियंका ने पहली बार छोटी धनराशि का निवेश किया और मुनाफा भी कमाया। बाद में प्रियंका में दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय अधिक कमाने और अपने खर्चों का प्रबंधन करने का लालच आ गया। हालांकि इस दौरान उसे 11 लाख रुपये का नुकसान हुआ। एसएचओ ने बताया कि उसने अपने प्रेमी से तीन लाख और बांकी बचे पैसे अपने 23 वर्षीय भाई हिमांशु सिंह और पिता बृजेश सिंह से लिए थे। एसएचओ ने कहा कि पीड़िता के बैंक विवरण में इन लेन-देन का पता चलता है और उसने भारी भरकम धनराशि को आरोपी के माध्यम से निवेश किया था।
गला दबाकर की हत्या
इतनी बड़ी रकम गंवाने के बाद पीड़िता बेचैन हो गई और आरोपी पर शक करने लगी। वह आरोपी से रुपये वापस करने की मांग करती रही। 15 नवंबर को वह आरोपी की दुकान पर गई और फिर से पैसे की मांग की, जिससे दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। थानाध्यक्ष ने बताया कि इसी बात से तंग आकर आरोपी ने लड़की का गला दबा कर हत्या कर दी। इससे पहले 15 नवंबर को बहन का फोन बंद होने पर प्रियंका का भाई हिमांशु बिलासपुर पहुंचा। हिमांशु 16 नवंबर को बिलासपुर स्थित बहन के हॉस्टल गया था, जहां उसे बताया गया कि उसकी बहन 15 नवंबर को दोपहर 1 बजे के करीब हॉस्टल से चली गई और वापस नहीं आई।इसके बाद वह पुलिस के पास पहुंचा। पुलिस को प्रियंका की आखिरी लोकेशन सिटी फार्मेसी में मिली, जो पीड़िता के हॉस्टल के काफी करीब है, जिसका मालिक आरोपी है। पुलिस ने मामले के आरोपी साहू को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। आरोपी ने शुरू में पुलिस को गुमराह किया, लेकिन बाद में वह टूट गया और अपना जुर्म कबूल कर लिया।
आरोपी ने दुकान के अंदर किया मर्डर
आरोपी ने पुलिस को बताया कि प्रियंका उसकी दुकान पर आई थी और पैसे की मांग की थी जो शेयर बाजार की भेंट चढ़ गए थे। एसएचओ ने कहा कि लगातार मांग से तंग आकर उसने प्रियंका की हत्या कर दी। आरोपी ने पुलिस को बताया, 'मैंने अंदर से दुकान का शटर बंद किया और उसे धक्का दिया। जब वह नीचे गिर गई, तो मैंने उसे गला घोंटकर मार डाला।' सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि प्रियंका अपना स्कूटर आरोपी की मेडिकल दुकान के बाहर पार्क कर देती थी और चाबी आरोपी के पास छोड़ जाती थी। पुलिस ने जब इस बारे में पूछा तो आरोपी ने कहा कि उसने पीड़िता के दोस्त को चाबी सौंपी है।
चार दिन शव को रखा दुकान के अंदर
वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ने डर के मारे तीन-चार दिन तक दुकान नहीं खोली, शव को सड़ने के लिए दुकान के अंदर ही छोड़ गया। 19 नवंबर की तड़के ( सुबह लगभग 4 बजे) आरोपी ने दुकान का शटर खोला और शव को कपड़े में लपेट कर अपनी कार की पिछली सीट पर रख दिया. एसएचओ ने कहा कि उसने बिलासपुर में अपने कस्तूरबा नगर आवास के यार्ड में अपनी कार खड़ी की थी क्योंकि उसकी रविवार को शव को ठिकाने लगाने की योजना थी, लेकिन ऐसा करने से पहले उसे गिरफ्तार कर लिया गया। एसएचओ ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए बिलासपुर के जिला अस्पताल भेज दिया गया है।
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