राजधानी में लगातार बढ़ रहे चोरी के मामले, दिल्ली पुलिस ने साझा किए सारे आंकड़े

Delhi News: दिल्ली में चोरी की वारदात में लगातार इजाफा होता जा रहा है। राजधानी में सेंधमारी के मामले 23 फीसदी बढ़ गए हैं। पिछले दो साल की तुलना में इस वर्ष सबसे अधिक केस दर्ज किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने इसके लिए दो मुख्य कारकों को जिम्मेदार ठहराया है। आंकड़ों से समझिए सबकुछ।

Burglary cases in Delhi

सांकेतिक तस्वीर। (साभार- Freepik)

Crime in Delhi: राष्ट्रीय राजधानी में सेंधमारी के मामलों में पिछले साल की तुलना में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दिल्ली पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। पुलिस सूत्रों ने चोरी के मामलों में वृद्धि के लिए दो मुख्य कारकों को जिम्मेदार ठहराया है। उनके अनुसार, ऐसे अपराधों में नाबालिगों और किशोरों की संलिप्तता बढ़ी है और जागरुकता बढ़ने के कारण अधिक निवासी शिकायत दर्ज करा रहे हैं।

अब तक दर्ज किए गए कुल 5,438 मामले

दिल्ली पुलिस के अपराध आंकड़ों के अनुसार इस साल 15 अगस्त तक चोरी के कुल 5,438 मामले दर्ज किए गए जो 2023 के मामलों की तुलना में 23.9 प्रतिशत अधिक है। 2023 में इसी अवधि में चोरी के 4,389 मामले दर्ज किए गए थे। साल 2022 में 15 अगस्त तक ऐसे 3,394 मामले सामने आए।

2022 और 2023 की तुलना में कितना अधिक?

आंकड़ों से पता चला है कि राष्ट्रीय राजधानी में 2023 और 2022 में सेंधमारी के क्रमशः 6,916 और 6,189 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 2024 में 1,764 और 2023 में 1,397 मामले सुलझाए गए। वैसे घरों में चोरी के मामलों में 13 फीसदी की गिरावट आई है और इस साल 15 अगस्त तक यह संख्या 11,944 और 2023 में 13,863 थी। आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में इसी अवधि में घरों में चोरी के कम से कम 9,318 मामले सामने आए थे।

वर्ष 2023 में घरों में चोरी के कम से कम 2,164 मामले और 2022 में 18,020 मामले दर्ज किए गए। इस साल वाहन चोरी के मामलों में भी कमी आई है। 15 अगस्त तक वाहन चोरी के 23,794 मामले दर्ज किए गए, जो 2.88 प्रतिशत की गिरावट दर्शाते हैं। 2023 में 15 अगस्त तक वाहन चोरी के कुल 24,500 मामले और 2022 में 22,681 मामले दर्ज किए गए।

वाहन चोरी के मामलों के आंकड़े देखिए

वर्ष 2023 में पूरे साल में वाहन चोरी के 40,045 मामले और 2022 में 38,248 मामले दर्ज किए गए। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में चोरी के मामलों में वृद्धि का एक मुख्य कारण नाबालिगों और किशोरों की संलिप्तता है। नाम न बताने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि गिरोह अक्सर चोरी के लिए नाबालिगों को शामिल करते हैं क्योंकि उनके पकड़े जाने की संभावना अपेक्षाकृत कम होती है।

नाबालिगों को आसानी से मिल जाती है जमानत

उन्होंने कहा कि इन नाबालिगों को आसानी से जमानत मिल जाती है और वे फिर से इसी तरह के अपराधों में शामिल हो जाते हैं। अधिकारी ने कहा कि लोगों में बढ़ती जागरुकता भी एक कारक है जिसके कारण चोरी के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। दिल्ली पुलिस बार-बार लोगों से ताले के बजाय इंटरलॉकिंग सिस्टम का उपयोग करने और घर से बाहर होने पर भी अपने घरों में लाइट चालू रखने के लिए कहती है। राष्ट्रीय राजधानी में 15 पुलिस जिले और 180 पुलिस थाने हैं।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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