जब ISRO की मदद से पकड़ी गई ड्रग्स तस्कर की काली कमाई, पाकिस्तान में बैठ गुजरात में भेजता है हेरोइन
एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि इसरो के एडवांस्ड डाटा प्रोसेसिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (एडीआरआईएन) द्वारा उपलब्ध कराई गई सैटेलाइट तस्वीरों से तस्कर की संपत्ति के बारे में पता चला। तस्कर ने तीन साल में देवभूमि-द्वारका जिले के जोडिया गांव में अपनी संपत्ति बनाई और बंगले का निर्माण करवाया।
इसरो की मदद से एनसीबी ने पकड़ा तस्कर ईसा राव की संपत्ति
इसरो (ISRO) यानि कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( Indian Space Research Organisation) की मदद से अब अपराध का भी खुलासा होने लगा है। इसरो की सैटेलाइट देश के विकास में विभिन्न क्षेत्रों के लिए पहले से ही उपयोगी रही है। संचार, दुश्मन देश पर नजर से लेकर मैप तक में इनका इस्तेमाल पहले से ही किया जा रहा है, लेकिन अब इसकी मदद से अपराधी भी पकड़े जाने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला गुजरात में सामने आया है।संबंधित खबरें
क्या है मामला
दरअसल पाकिस्तान में बैठा एक तस्कर, गुजरात में करोड़ों की हेरोइन को समुद्र के रास्ते भेजते रहा है। पिछली बार 600 करोड़ का ड्रग्स पकड़ा जा चुका है। अब एनसीबी ने उसके उस ठिकाने का भी पता लगा लिया है, जहां ड्रग्स की तस्करी से कमाए गए पैसे को उसने छिपाया था। संबंधित खबरें
गुजरात का ही है तस्करसंबंधित खबरें
आरोपी तस्कर का नाम ईसा राव है। पहले वो गुजरात में ही रहकर ड्रग्स की तस्करी करता था। सीमा पार से वो समुद्र के रास्ते हेरोइन मंगवाता और फिर गुजरात सहित बाकी राज्यों में भिजवा देता। पुलिस को जैसे ही भनक लगी, उसने राव को पकड़ने के लिए जाल बिछा दिया। इसकी खबर ईसा राव को हो गई और वो पाकिस्तान भाग गया। संबंधित खबरें
ऐसे चलाता है नेटवर्कसंबंधित खबरें
ईसा राव खुद तो गुजरात भाग गया, लेकिन उसका नेटवर्क आज भी गुजरात में है। वो अपने गुजरात में मौजूद लोगों के सहारे यह काला साम्राज्य चला रहा है। हालांकि अब इसपर ब्रेक लगता दिख रहा है। नवंबर 2021 में मोरबी जिले में गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड द्वारा 600 करोड़ रुपये की हेरोइन जब्त की गई थी। इस हेरोइन का मालिक भी राव ही था। बाद में जांच एनसीबी को सौंप दी गई थी।संबंधित खबरें
और खुल गया राजसंबंधित खबरें
राव तस्करी के पैसे को गुजरात में ही निवेश रहा था। एनसीबी जब जांच करने लगी तो उसके परिवार वालों से सहयोग नहीं मिला। जिसके बाद एनसीबी ने इसरो से मदद मांगी। इसरो अपनी सैटेलाइट की सहायत से उस इलाको को खोज निकाला, जहां राव अपनी काली कमाई को छुपा रहा था। राव तस्करी से कमाए गए पैसे को उपयोग करके गुजरात के एक गांव में एक महलनुमा बंगला बनवाया था। एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसरो के एडवांस्ड डाटा प्रोसेसिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (एडीआरआईएन) द्वारा उपलब्ध कराई गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि उसने तीन साल में देवभूमि-द्वारका जिले के जोडिया गांव में अपनी संपत्ति बनाई है। वहां उसने 50 लाख रुपये से अधिक की कीमत के बंगले का निर्माण करवाया है। इस बंगले को अब एनसीबी ने सील कर दिया है।संबंधित खबरें
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शिशुपाल कुमार author
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
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