Jonestown Massacre: जब एक धर्मगुरु के कहने पर एक साथ 918 लोगों ने दी थी जान! जानें पूरी कहानी

Jonestown Massacre: दक्षिण अमेरिका के गुयाना में तब 918 व्यक्तियों ने एक धर्मगुरु के इशारे पर आत्महत्या कर ली थी। इनमें से कुछ लोगों ने विरोध किया था, लेकिन वो भी इसके चंगुल से बच नहीं पाए थे। इस घटना से तब पूरी दुनिया हिल गई थी। इस घटना में धर्मगुरु ने भी अपने आप को मार डाला था।

1978 में हुआ था जोनेसटाउन सामूहिक आत्महत्या कांड (प्रतीकात्मक फोटो- @pixabay)

मुख्य बातें
  • अनुयायियों पर धर्मगुरु करता था अत्याचार
  • असलियत सामने आने पर सांसद की कर दी थी हत्या
  • अंगूर के जूस में मिलाया था सायनाइड

Jonestown Massacre: साल 1978, तारीख 18 नवंबर... दक्षिण अमेरिकी देश गुयाना के इतिहास का वो काला दिन, जिसे देश में भूलना हर कोई चाहता है, लेकिन इसके खौफनाक मंजर इसे भूलने नहीं देते हैं। इस दिन शायद दुनिया के इतिहास में सबसे ज्यादा एक साथ 918 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। ये सब हुआ था एक धर्मगुरु के कारण, जिसने अमेरिकी सेना के डर से अपने भक्तों को मरने के लिए उकसाया था।

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इस आत्महत्या के पीछे जिस शख्स का दिमाग था, वो था जिम जॉन्स। जिम जॉन्स बचपन से ही फेमस होना चाहता है और इसका सबसे आसान रास्ता था धर्मगुरु बन जाना। अमेरिका में पैदा हुआ जॉन्स बड़ा होने पर पहले पादरी बना, इसके बाद वो धीरे-धीरे अपना साम्राज्य जमाना शुरू कर दिया। बातों को ऐसे घूमाता कि लोग उसके पास अपने आप खींचे चले आते। 1956 तक आते-आते उसने खुद को भगवान घोषित कर दिया। इसी समय उसने इंडियानापोलिस में 'पीपल्स टेंपल' नाम का चर्च खोला। धीरे-धीरे उसके अनुयायी बढ़नने लगे। लोगों को डराता, धमकाता, बहलाता, फुसलाता मतलब जितने तरीके उसे आते थे, उसने सबका इस्तेमाल अपने धर्म के धंधे को बढ़ाने में किया।

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