Karnataka: पत्नी की हत्या के आरोप में जेल गया पति, 5 साल बाद हुआ जिंदा होने का खुलासा, पुलिस की लापरवाही पर कोर्ट ने लगाई फटकार

Karnataka: कर्नाटक में कोडागु में एक व्यक्ति को उस पत्नी की हत्या के आरोप में जेल भेजा गया जो आज भी जिंदा है। पुलिस की लापरवाही और निर्दोष को मिली सजा पर कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए मामले की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिए हैं।

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जिस पत्नी की हत्या में जेल गया पति वह निकली जिंदा

Karnataka: कर्नाटक से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। इस घटना को लेकर कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। कहा जाता है कि '100 गुनहगार भले छूट जाएं, लेकिन एक निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिए।' लेकिन इस बार एक निर्दोष व्यक्ति को उस गुनाह की सजा काटनी पड़ी जो उसने कभी किया ही नहीं। खुद को अदालत और लोगों के सामने निर्दोष साबित करने की कोशिश करते कर्नाटक के कोडागु में रहने वाले एक व्यक्ति ने पत्नी की हत्या के आरोप में डेढ़ साल जेल में बिताए। लेकिन अब व्यक्ति के निर्दोष होने का सच बाहर आ गया है। इस मामले ने हाल ही में एक नया मोड़ लिया, जिसमें झूठे आरोप, अधूरी जांच और पुलिस की लापरवाही की बात सामने आई। इस व्यक्ति को सजा केवल इस वजह से मिली क्योंकि पुलिस ने जांच में लापरवाही की। एक गलती ने इस व्यक्ति के पूरे जीवन, सम्मान और भविष्य को बर्बाद कर दिया। जानें क्या है पूरा मामला -

पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने गया पति गिरफ्तार

कर्नाटक का कोडागु में दिसंबर 2020 में सुरेश नामक एक व्यक्ति ने कुशलनगर थाने में अपनी पत्नी मल्लिगे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। कुछ हफ्ते बाद पुलिस को बेट्टादारापुरा के पास एक महिला का कंकाल मिला। पुलिस ने बिना पुख्ता सबूतों के यह दावा किया कि यह सुरेश की पत्नी मल्लिगे का शव है। बात यहीं खत्म नहीं हुई है। सुरेश पर यह भी आरोप लगाया कि उसने खुद ही अपनी पत्नी की हत्या कर दी, क्योंकि उसका किसी और के साथ संबंध था।

हैरान कर देने वाली बात ये है कि पुलिस ने डीएनए रिपोर्ट का भी इंतजार नहीं किया और अंतिम चार्जशीट दर्ज कर दी। पुलिस ने डीएनए टेस्ट के लिए मल्लिगे की मां का ब्लड सैंपल लिया था। पुलिस की इस चार्जशीट के आधार पर कोर्ट ने सुरेश को जेल भेज दिया। लेकिन सुरेश ने खुद को निर्दोष साबित करने की लड़ाई जारी रखी। पांच साल बाद सुरेश आखिरकार निर्दोष साबित हुआ, क्योंकि जिस पत्नी को मरा हुआ माना गया था, वह जिंदा निकली।

पांच साल बाद जिंदा मिली पत्नी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुरेश एक दोस्त ने 1 अप्रैल 2025 को मल्लिगे को मदिकेरी के एक होटल में दूसरे व्यक्ति के साथ खाना खाते हुए देखा था। जिस पत्नी के हत्या की सजा सुरेश काट रहा था वह जिंदा मिली। इसकी जानकारी कोर्ट को दी गई। कोर्ट ने तुरंत मल्लिगे को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए। इसके बाद पुलिस की लापरवाही और झूठे आरोप का सच सबके सामने आया।

पुलिस की लापरवाही का सच आया सामने

कोर्ट में मल्लिगे ने स्वीकार किया कि वह अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी। और बाद में दोनों ने शादी कर ली। मल्लिगे ने यह भी बताया की उसे नहीं पता था कि सुरेश के क्या हुआ। जानकारी के अनुसार, मल्लिगे 25 से 30 किमी दूर शेट्टीहल्ली गांव में रह रही थी। लेकिन पुलिस ने उसे तलाशने की कोशिश नहीं की। पुलिस की इस लापरवाही और अधूरी जांच के कारण एक निर्दोष को उस अपराध की सजा मिली जो उसने किया ही नहीं।

पुलिस ने क्यों नहीं किया डीएनए रिपोर्ट का इंतजार

सुरेश तो निर्दोष साबित हो गया, लेकिन अब सबसे अहम सवाल ये है कि आखिर वो कंकाल किसका था? पुलिस ने झूठी चार्जशीट क्यों दर्ज की? डीएनए रिपोर्ट का इंतजार क्यों नहीं किया गया? इन सभी सवालों का कोई जवाब नहीं मिला है। कोर्ट ने जब पुलिस से सवाल किए तो जवाब केवल चुप्पी में मिला। पुलिस की इस चुप्पी पर कोर्ट ने एसपी को 17 अप्रैल तक इस मामले को लेकर पूरी रिपोर्ट पेश करने के सख्त आदेश दिए गए हैं।

सुरेश के वकील हाईकोर्ट में रिट याचिका करेंगे दाखिल

इस मामले को लेकर सुरेश को मिली सजा पर उनके वकील पांडु पुजारी ने कहा कि “हम हाईकोर्ट में झूठे मुकदमे और मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ रिट याचिका दाखिल करेंगे। एसटी आयोग और मानवाधिकार आयोग तक भी यह मामला जाएगा।”

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varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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