लैला खान मर्डर केस: पूरे परिवार का किया था कत्ल, कोर्ट ने माना रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला, सौतेले पिता को मौत की सजा

लैला, उसकी मां सेलिना और चार भाई-बहनों की फरवरी 2011 में महाराष्ट्र के इगतपुरी में उनके बंगले पर परवेज टाक ने हत्या कर दी थी। अब इस मामले में अदालत का फैसला आया है।

Laila khan

लैला खान मर्डर केस

Laila Khan murder: 13 साल पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस लैला खान और उनके परिवार की खौफनाक हत्या के मामले में मुंबई की अदालत ने आज अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी परवेज टाक को फांसी की सजा सुनाई है। मुंबई सत्र अदालत ने शुक्रवार को परवेज टाक को बॉलीवुड अभिनेत्री लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की 2011 में हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई। अदालत ने परवेज टाक को 9 मई को हत्या और सबूत नष्ट करने के लिए दोषी ठहराया था।

मामला दुर्लभतम की श्रेणी में

शुक्रवार को जज एसबी पवार ने कहा कि यह मामला दुर्लभतम की श्रेणी में आता है और हत्या के आरोप में टाक को मौत की सजा दी गई है। सबूत मिटाने के जुर्म में अदालत ने सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

लैला और परिवार की 2011 में हत्या हुई

लैला, उसकी मां सेलिना और चार भाई-बहनों की फरवरी 2011 में महाराष्ट्र के इगतपुरी में उनके बंगले पर परवेज टाक ने हत्या कर दी थी। संपत्ति विवाद को लेकर टाक ने सबसे पहले अपनी पत्नी सेलिना की हत्या कर दी। इसके बाद उसने लैला और उसके चार भाई-बहनों को भी बेरहमी से मार डाला। परवेज टाक को लगता था कि सेलिना और उसका परिवार उसके साथ नौकर की तरह बर्ताव करता है। उसे डर था कि दुबई जाते समय वह उसे भारत में ही छोड़ देगी।

कुछ महीने बाद हत्या का राज खुला

हत्या का मामला कुछ महीने बाद खुला और टाक को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार किया था और उसका आपराधिक इतिहास भी था। पीड़ितों के क्षत-विक्षत शव बाद में इगतपुरी के एक फार्म हाउस से बरामद किए गए और इनकी पहचान लैला खान के परिवार के तौर पर हुई। अभियोजन पक्ष ने इस दौरान टाक के खिलाफ 40 गवाहों की जांच की थी।

सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने मामले में मौत की सजा की मांग की थी। चव्हाण ने कहा कि यह एक सुनियोजित हत्या थी जहां एक क्रूर हिंसक कृत्य में एक परिवार के छह लोगों की हत्या कर दी गई और उनके शवों को ठिकाने लगा दिया गया। कोर्ट द्वारा टाक को दोषी पाए जाने के बाद उसने खुद अपने वकील से बहस पर चर्चा करने के लिए कोर्ट से वक्त मांगा था। हालांकि, न्यायाधीश पवार ने कहा कि आरोपी को पर्याप्त समय दिया गया था।

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अमित कुमार मंडल author

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