21 बच्चों को शख्स ने बनाया अपनी हवस का शिकार, कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा; जानें क्या है पूरा मामला

अरुणाचल प्रदेश की एक पॉक्सो अदालत ने शियोमी जिले में 21 बच्चों के यौन उत्पीड़न के जुर्म में एक सरकारी आवासीय विद्यालय के पूर्व वार्डन को मौत की सजा सुनाई है। उसने 2019 से 2022 के बीच 6 से 15 वर्ष की आयु की 15 लड़कियों सहित 21 बच्चों का यौन उत्पीड़न किया था।

21 बच्चों को शख्स ने बनाया अपनी हवस का शिकार, कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा

Crime: अरुणाचल प्रदेश की एक पॉक्सो अदालत ने शियोमी जिले में 15 लड़कियों सहित 21 बच्चों के यौन उत्पीड़न के अपराध में एक सरकारी आवासीय विद्यालय के पूर्व वार्डन को मौत की सजा सुनाई है। यूपीया के पश्चिमी सत्र संभाग के विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) की अदालत ने मामले में संलिप्तता के लिए दो अन्य लोगों को भी 20-20 वर्ष की सजा सुनाई। मुख्य आरोपी युमकेन बागरा शियोमी जिले के कारो सरकारी आवासीय विद्यालय के छात्रावास का वार्डन था, जहां उसने 2019 से 2022 के बीच 6 से 15 वर्ष की आयु की 15 लड़कियों सहित 21 बच्चों का यौन उत्पीड़न किया था।

कई धाराओं के तहत सुनाया गया फैसला

राजधानी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रोहित राजबीर सिंह ने बताया कि सह-आरोपी मार्बोम गोमदिर हिंदी शिक्षक है, जबकि सिंगतुन योरपेन विद्यालय का पूर्व प्रधानाध्यापक है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बागरा को धारा 328 और 506 के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6, 10 और 12 के तहत दोषी ठहराया गया और उसके अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसे मौत की सजा सुनाई गई।
एसपी ने कहा कि यह निर्णय न केवल तात्कालिक मुद्दे का समाधान करता है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा के बारे में व्यापक सामाजिक जागरूकता के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में भी कार्य करता है, तथा उनके अधिकारों और कल्याण की रक्षा करने की सामूहिक जिम्मेदारी को मजबूत करता है। जानकारी के अनुसार, आवासीय विद्यालय में यौन शोषण का मामला तब प्रकाश में आया जब दो बहनों ने पिछले साल 2 नवंबर को अपने माता-पिता से इसकी शिकायत की। दो दिन बाद जिले के मोनीगोंग पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी।
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