जाली दस्तावेजों से कोरिया में हो रही थी मानव तस्करी, नौसेना का एक और बड़ा अधिकारी गिरफ्तार

Navy officer arrested for Human Trafficking: मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि लेफ्टिनेंट कमांडर विपिन कुमार डागर (28) समेत पांच लोगों को मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये लोग जाली दस्तावेजों के आधार पर लोगों को दक्षिण कोरिया भेजते थे और प्रति व्यक्ति 10 से 12 लाख रुपये वसूल कररते थे।

Navy officer arrested in human trafficking

Navy officer arrested in human trafficking

Navy officer arrested for Human Trafficking: मानव तस्करी रैकेट में शामिल भारतीय नौसेना के एक और अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है। नौसेना का ये अधिकारी जाली दस्तावेजों के आधार पर लोगों को दक्षिण कोरिया भेजता था और प्रति व्यक्ति 10 से 12 लाख रुपये वसूल करता था। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई क्राइम ब्रांच ने लेफ्टिनेंट कमांडर विपिन कुमार डागर (28) को गिरफ्तार किया है। उसे गुरुवार को कोलाबा से हिरासत में लिया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि इस रैकेट में नौसैनिक अधिकारियों के शामिल होने से लोग उन पर आसानी से भरोसा कर लेते थे और अधिक पैसे कमाने के लिए जाली दस्तावेजों का सहारा लेते थे। अबतक हुई जांच के मुताबिक, जाली दस्तावेजों के आधार पर लोगों को दक्षिण कोरिया भेजने में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किए गए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट कमांडर रैंक का अधिकारी मुख्य साजिशकर्ता के आदेश का पालन करता था। यह साजिशकर्ता भी नौसेना में पदस्थ था।

अब तक पांच लोगों की हुई गिरफ्तारी

अधिकारियों ने बताया कि अब तक मुंबई अपराध शाखा ने लेफ्टिनेंट कमांडर विपिन कुमार डागर (28) समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि अन्य आरोपी की पहचान ब्रह्म ज्योति शर्मा, सिमरन तेजी, रवि कुमार और दीपक डोगरा के रूप में हुई है। पुलिस ने पूर्व में कहा था कि गिरोह ने फर्जी कागजात का इस्तेमाल कर आठ-10 लोगों को पूर्वी एशियाई देश भेजा था, और प्रति मामले वे 10 लाख रुपये वसूले थे। अपराध शाखा ने बताया कि डागर जाली दस्तावेज तैयार करता था और उन्हें कोरियाई वाणिज्य दूतावास को भेजता था। वह मास्टरमाइंड एवं नौसेना अधिकारी शर्मा से निर्देश लेता था।

(इनपुट- भाषा)

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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