पुणे कार हादसा: दिखाने की कोशिश की गई कि पोर्श कार नाबालिग नहीं चला रहा था, हुईं कई चूकें, पुलिसकर्मियों पर गिरेगी गाज

पुलिस आयुक्त ने संवाददाताओं से कहा कि आंतरिक जांच में मामला दर्ज करने में कुछ पुलिस कर्मियों की चूक की ओर इशारा किया गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पुणे कार हादसा

Pune Car Accident: पुणे पोर्श कार हादसे में एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं। खुद पुणे पुलिस की तरफ से इसमें कई चूकें हुई हैं। अब पुलिसकर्मियों पर गाज गिरने की नौबत आ गई है। पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि ऐसा दिखाने की कोशिश की गई कि रविवार को पोर्श कार से हुए हादसे के समय गाड़ी 17 वर्षीय किशोर नहीं चला रहा था। अमितेश कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि आंतरिक जांच में मामला दर्ज करने में कुछ पुलिस कर्मियों की चूक की ओर इशारा किया गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

किशोर ही कार चला रहा था

उन्होंने कहा, हमारी जांच के दौरान यह बात साफ हो गई है कि किशोर ही कार चला रहा था और हमने घटनाक्रम से संबंधित सभी जरूरी साक्ष्य जुटा लिए हैं। उदाहरण के लिए जब किशोर घर से निकला था तो रजिस्टर में उसके कार के साथ घर से निकलने की एंट्री है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि तकनीकी और सीसीटीवी साक्ष्यों के आधार पर इस बात की पुष्टि हुई है कि कार को किशोर चला रहा था। उन्होंने कहा कि चश्मदीदों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि घटना के समय कार किशोर चला रहा था।

यह दिखाने की कोशिश की गई कि कार ड्राइवर चला रहा था

पुलिस आयुक्त ने कहा कि ऐसा दिखाने का प्रयास किया गया कि रविवार तड़के तीन बजे के आसपास जब शहर के कल्याणी नगर इलाके में पोर्श कार से दो लोगों को टक्कर लगी थी तब कार एक वयस्क (ड्राइवर) चला रहा था, किशोर नहीं। उन्होंने कहा कि हम इन बातों की जांच कर रहे हैं और ऐसी कोशिश करने वालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 201 (सबूत नष्ट करना) के तहत कार्रवाई करेंगे। रक्त नमूनों के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि किशोर को मामला दर्ज होने के बाद रविवार सुबह करीब नौ बजे ससून अस्पताल भेजा गया था।

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