एक टैटू, चोरी हुए वायरलेस सेट से धरे गए सौम्या विश्वनाथन के हत्यारे, पुलिस तफ्तीश की दिलचस्प कहानी

सीसीटीवी फुटेज ने दिल्ली पुलिस को आईटी पेशेवर जिगिशा घोष की हत्या के मामले को सुलझाने में मदद की और आखिरकार इन्हीं कड़ियों को जोड़ते हुए पुलिस सौम्या विश्वनाथन के हत्यारों तक पहुंची।

Soumya vishwanathan

सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस

Soumya Vishwanathan Murder: पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के हत्या के आरोपियों को आखिरकार दिल्ली की अदालत ने 15 साल बाद दोषी ठहराया। इनकी सजा पर फैसला होना बाकी है। आरोपियों ने महज रोमांचक एक्टिविटी के नाम पर होनहार और युवा टीवी पत्रकार सौम्या की जान ले ली। पुलिस को हत्यारों का दूर-दूर तक सुराग नहीं मिला, लेकिन हत्या के एक अन्य मामले के खुलासे के दौरान सौम्या मर्डर केस सुलझाया। पुलिस तफ्तीश की कहानी बेहद दिलचस्प है।

हाथ पर बने एक टैटू ने पकड़वाया

हाथ पर बने एक टैटू, एक पुलिसकर्मी के पास से चोरी हुए वायरलेस सेट और सीसीटीवी फुटेज ने दिल्ली पुलिस को आईटी पेशेवर जिगिशा घोष की हत्या के मामले को सुलझाने में मदद की और आखिरकार इन्हीं कड़ियों को जोड़ते हुए पुलिस सौम्या विश्वनाथन के हत्यारों तक पहुंची। जिगिशा घोष की 2009 में हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप में गिरफ्तार किये गये रवि कपूर, अमित शुक्ला और बलजीत मलिक ने बाद में 2008 में सौम्या को जान से मारने की वारदात में शामिल होने की बात भी कबूल कर ली।

2009 में जिगिशा घोष की भी हत्या

जिगिशा घोष की 18 मार्च 2009 को लूटपाट के बाद हत्या कर दी गई थी। मामले के जांच अधिकारी अतुल कुमार वर्मा ने बताया, जिगिशा की हत्या की गुत्थी उसका शव हरियाणा के फरीदाबाद के सूरजकुंड इलाके में बरामद होने के दो-तीन दिन बाद सुलझा ली गई। हमें पहला सुराग सीसीटीवी फुटेज से मिला, जहां हमने पाया कि जिगिशा के एटीएम कार्ड से खरीदारी करने वाले एक आरोपी के हाथ पर टैटू था। दूसरे के पास वायरलेस सेट था और उसने टोपी पहनी हुई थी।

फिर अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस के मुखबिरों के तंत्र पर बारीकी से काम किया और जल्द ही पुलिस टीम मसूदपुर स्थित मलिक के आवास पर पहुंच गई। कपूर और शुक्ला को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। मलिक ने हाथ पर अपना नाम लिखवाया हुआ था, जबकि कपूर अपने साथ एक वायरलेस सेट रखता था। इस वायरलेस सेट को उसने एक पुलिस अधिकारी से छीना था। वर्मा ने बताया कि आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने जिगिशा का वसंत विहार में उसके घर के पास से अपहरण किया और लूटपाट के बाद उसकी हत्या कर शव फेंक दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने उसके एटीएम कार्ड से खरीदारी भी की।

हत्यारे रवि कपूर ने किया खुलासा

इस मामले को सुलझाने में वर्मा वसंत विहार पुलिस थाने के अधिकारियों की एक टीम का नेतृत्व कर रहे थे। वर्मा ने कहा कि हम उस वक्त हैरान हुए जब रवि कपूर ने खुद खुलासा किया कि उसके गैंग ने नेल्सन मंडेला मार्ग पर एक और लड़की की हत्या की थी। उसने यह भी बताया कि उसके दो अन्य सहयोगी अजय कुमार और अजय सेठी भी हत्या में शामिल थे। तत्कालीन पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) एच.जी.एस धालीवाल ने तुरंत अधिकारियों की एक और टीम बनाई और दोनों हत्या मामलों की जांच के लिए तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) भीष्म सिंह को नियुक्त किया।

सौम्या की कार आगे निकलने से भड़के हत्यारे

भीष्म सिंह ने बताया, चूंकि हमारे पास सौम्या हत्याकांड के आरोपियों का कबूलनामा था, इसलिए हमारे सामने बड़ी चुनौती फॉरेंसिक सबूत जुटना था। जिस रात सौम्या की हत्या हुई उस रात का विवरण देते हुए पुलिस ने बताया कि रवि कपूर मारुति वैगन आर कार चला रहा था और शुक्ला उसके बगल में बैठा था। मलिक और कुमार पीछे की सीट पर थे। पुलिस ने बताया कि वे सभी नशे की हालत में थे। जांचकर्ताओं में से एक रहे अन्य अधिकारी ओ.पी. ठाकुर ने बताया, 30 सितंबर को एक कार उनके वाहन के पास से गुजरी। यह एक मारुति जेन थी, जिसे सौम्या चला रही थी। वह करोल बाग में वीडियोकॉन टॉवर में स्थित टीवी टुडे के कार्यालय से काम करके अपने घर वसंत कुंज लौट रही थीं।

यह देखकर कि एक महिला ड्राइवर उनसे आगे निकल रही है और वह अकेली है, उन्होंने अपने वाहन की रफ्तार बढ़ाई और अपने वाहन को उसके वाहन के करीब ले आये। पहले उन्होंने उसे रोकने का प्रयास किया और जब उसने अपनी कार नहीं रोकी तो कपूर ने सौम्या की गाड़ी पर गोलियां चला दीं। गोली सौम्या की कनपटी में लगी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सौम्या की कार सड़क के डिवाइडर से टकराकर रुक गई। अधिकारी ने कहा, सभी आरोपी मौके से भाग गए लेकिन 20 मिनट बाद उसकी हालत देखने के लिए वापस आए। जब उन्होंने पुलिस कर्मियों को देखा तो वे भाग गए। हम आज पूरी तरह संतुष्ट हैं। आरोपी के पास से बरामद किये गये हथियार, घटनास्थल का फॉरेंसिक चित्रण और घटना का क्रम आरोपी के इकबालिया बयान से मेल खाने के कारण दोष सिद्ध हो पाया।

पांचों आरोपी दोषी करार

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को विश्वनाथन की हत्या के मामले में एक संगठित अपराध गिरोह के चार लोगों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को हत्या और अन्य अपराधों के लिए दोषी ठहराया। अदालत ने पांचवें आरोपी अजय सेठी को धारा 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के प्रावधानों के तहत संगठित अपराध को बढ़ावा देने, सहायता करने या जानबूझकर सुविधा प्रदान करने और संगठित अपराध की आय प्राप्त करने की साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया। दिल्ली पुलिस ने तीनों के इकबालिया बयानों के बाद अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार कर लिया और सौम्या की हत्या के मामले में पांचों पर मुकदमा दर्ज किया। सौम्या की 30 सितंबर 2009 की अलसुबह उस वक्त हत्या कर दी गई जब वह काम से घर लौट रही थीं। (Bhasha Input)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | क्राइम (crime News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited