तकनीक पर भारी पड़ रहे चोर...अब ई-चालान में भी सेटिंग, ऐसे रफा-दफा हो रहा मामला
पहले ट्रैफिक पुलिस पर चालान में गड़बड़ी करने के आरोप लगते थे, जिसके बाद से अब मशीन के द्वारा और कैमरे के जरिए चालान काटे जाते हैं, जिसे ई-चालान कहा जाता है। यह चालान सीधे गाड़ी के मालिक के पास चला जाता है, जिसे ऑनलाइन जमा करने का ऑप्शन होता है।
ई चालान में हो रहे फ्रॉड (प्रतीकात्मक फोटो @Pixabay)
एक कहावत है चोर के सामने ताला क्या और बेईमान के सामने केवाला क्या...इनका तोड़ वो निकाल ही लेते हैं। कुछ ऐसा ही मामला यूपी में सामने आया है। जहां साइबर ठगों ने ई-चालान में ही ऐसी सेटिंग की है कि सरकार को लाखों का नुकसान हो गया है।
तकनीक पर भारी पड़े चोर
पहले गाड़ियों के चालान काटने की जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस की होती थी। जहां उनपर आरोप लगता था कि वो चालान कम और घूस ज्यादा लेते हैं, पैसे लेकर गाड़ियों को छोड़ देते हैं। चालान में गड़बड़ी करते हैं। जिसके बाद तकनीक का युग आ गया। सड़कों पर कैमरे लग गए जो सीधे ई चालान काटने लगे और मालिकों के पास गाड़ियों का चालान जाने लगा। पैसे भी ऑनलाइन ही भरे जाने लगे।
यहां से शुरू हुआ खेल
भ्रष्ट पुलिसकर्मियों का खेल जब खत्म हुआ तो दलालों का खेल शुरू हो गया। दलालों ने ट्रैफिक पुलिस और कोर्ट की वेबसाइट को ही हैक कर लिया। चालान में हेर फेर करने लगे। मालिकों से सेटिंग करके कुछ ले दे मामला रफा दफा करने लगे। चालान हजार का तो मामला 100-200 में सेटिंग करने लगे। मुरादाबाद में ऐसा ही मामला पकड़ा गया। इससे सरकार को कम से कम 15 लाख का चुना लगा है।
कई राज्यों में नेटवर्क
मिली जानकारी के अनुसार ऐसे साइबर चोर सभी राज्यों में फैले हैं। जहां से ये ई-चालानों की सेटिंग करते हैं। मुरादाबाद में पकड़े जाने के बाद यूपी पुलिस बाकी जिलों में भी दलालों को पकड़ने में लगी है। उत्तराखंड में भी ऐसे नेटवर्क का पता चला है।
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