भाजपा विधायक अनिल शर्मा की मुश्किलें बढ़ी, जमीन धोखाधड़ी मामले में आरोप तय
BJP MLA Anil Sharma: भाजपा नेता अनिल शर्मा पर 2019 में जमीन धोखाधड़ी का आरोप लगा था। आरोप था कि विधायक ने करोड़ों की जमीन कब्जाने के लिए दस्तावेजों हेरफेर की। उन्हेांने एक निजी कंपनी के 980 वर्ग मीटर के भूखंड के स्वामित्व का दावा करने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेज बनाए थे।
भाजपा विधायक अनिल शर्मा
BJP MLA Anil Sharma: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में चार बार के विधायक, भाजपा नेता व पूर्व वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अनिल शर्मा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। जमीन धोखाधड़ी मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने अनिल शर्मा के खिलाफ आरोप तय किए हैं। इसके बाद से भाजपाई खेमे में हड़कंप मचा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, भाजपा नेता के खिलाफ अदालत 22 नवंबर यानी कल अपना फैसला सुना सकती है।
बता दें, भाजपा नेता अनिल शर्मा पर 2019 में जमीन धोखाधड़ी का आरोप लगा था। आरोप था कि विधायक ने करोड़ों की जमीन कब्जाने के लिए दस्तावेजों हेरफेर की। उन्हेांने एक निजी कंपनी के 980 वर्ग मीटर के भूखंड के स्वामित्व का दावा करने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेज बनाए थे। इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में वाद चल रहा था।
कंपनी की ओर से दर्ज की गई थी शिकायत
अधिवक्ता जावेद अख्तर ने बताया कि विधायक अनिल शर्मा के खिलाफ बुलंदशहर स्थित कंपनी वैष्णो इंफ्राहोम्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से नीरज त्यागी ने शिकायत दर्ज की थी। आरोप था कि इस जमीन को हड़पने की नियत से अनिल शर्मा द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार किये गये थे। त्यागी की शिकायत के आधार पर शर्मा और अन्य के खिलाफ अदालत में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की गई थी। उन्होंने बताया कि अदालत ने शर्मा को दोषी पाया और आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी) और 471 (धोखाधड़ी से वास्तविक दस्तावेजों का उपयोग करना) के तहत उसे तलब किया।
शर्मा ने आरोपों को किया खारिज
वहीं, भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने आरोपों को खारिज किया है। उन्हेांने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं और उन्हें बदनाम करने की साजिश है। नीरज त्यागी वैष्णो इंफ्राहोम्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े नहीं हैं, इसलिए वह ऐसी शिकायत दर्ज करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। कोर्ट ने मामले में गवाहों को बुलाया था, लेकिन कोई पेश नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हम आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील दायर करेंगे।
चार बार के हैं विधायक
बता दें, अनिल शर्मा ने 2002 में वह बसपा के टिकट पर खुर्जा से चुनाव लड़ा था। इसके बाद वह 2007 में लगातार दूसरी बार खुर्जा से विधानसभा के लिए चुने गए। 2012 में उन्होंने शिकारपुर सीट से चुनाव लड़ा लेकिन सपा के मुकेश शर्मा से हार गए। 2017 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर शिकारपुर से जीत हासिल की और 2022 में भी इसी सीट पर काबिज हुए। 2019 से 2022 तक वह वन, पर्यावरण और प्राणी उद्यान राज्य मंत्री रह चुके हैं।
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