रामपुर कारतूस कांड- 24 पुलिसवालों ने गद्दारी की और 76 CRPF जवान हो गए थे शहीद, अब हुई सजा
Rampur Kartoos Kand: शासकीय अधिवक्ता प्रताप सिंह मौर्य ने बताया कि 29 अप्रैल 2010 को एसटीएफ के अमोद कुमार द्वारा एक मुकदमा पंजीकृत कराया गया था, जिसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। विनोद पासवान, यशोदानंद और विनेश कुमार। यशोदानंद से 1,75,000 रुपया बरामद हुआ था।
रामरपुर कारतूस कांड में 24 पुलिस वाले दोषी करार (फाइल फोटो)
Rampur Kartoos Kand: शुक्रवार को रामपुर कारतूस कांड के दोषियों को कोर्ट ने 10-10 साल की सजा सुनाई है, साथ ही उनपर जुर्माना भी लगाया है। रामपुर कारतूस कांड में 24 पुलिसवालों की गद्दारी के कारण 76 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे। इसी हमले के बाद इस कांड का खुलासा यूपी एसटीएफ ने किया था।
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2010 में हुआ था मामले का खुलासा
मामला उत्तर प्रदेश के रामपुर से संबंधित है। चर्चित रामपुर कारतूस कांड में 13 साल की सुनवाई और नौ गवाहों की गवाही के बाद आखिरकार 24 दोषियों को दस-दस साल की सजा और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। दरअसल, कारतूस घोटाले का पर्दाफाश यूपी एसटीएफ ने 29 अप्रैल 2010 को किया था।
76 जवान हुए थे शहीद
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब 2010 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक बड़ा नक्सली हमला हुआ, इस हमले में 76 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए। मौके से जांच टीम को जब सरकारी कारतूस के खोखे मिले तो शक हुआ और जांच शुरू की गई। जांच में पता चला कि ये पुलिस वाले नौकरी पर रहते हुए सरकारी कारतूस, नक्सलियों और आतंकियों को सप्लाई करते थे और बदले में इन्हें मुंहमांगी रकम मिलती थी। सीआरपीएफ के दो जवानों विनोद और विनेश पासवान को भारी मात्रा में कारतूस के साथ गिरफ़्तार किया गया था।
परत दर परत खुलासा
शासकीय अधिवक्ता प्रताप सिंह मौर्य ने बताया कि 29 अप्रैल 2010 को एसटीएफ के अमोद कुमार द्वारा एक मुकदमा पंजीकृत कराया गया था, जिसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। विनोद पासवान, यशोदानंद और विनेश कुमार। यशोदानंद से 1,75,000 रुपया बरामद हुआ था। पीटीसी मुरादाबाद से नाथूराम सैनी को गिरफ्तार कराया था और उससे भी बरामदगी हुई थी, जिसका मुकदमा मुरादाबाद में पंजीकृत कराया गया। डायरी के आधार पर विवेचना को आगे बढ़ाते हुए 25 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें आरोपी यशोदानंद की मृत्यु हो गई, बाकी 24 लोगों के खिलाफ यह मुकदमा यहां पर विचाराधीन था, जिसमें स्पेशल न्यायमूर्ति ईसी एक्ट विजय कुमार द्वितीय द्वारा गुरुवार को इनको दोषी करार दिया गया। शुक्रवार को सजा सुनाई गई।
कौन-कौन आरोपी
प्रताप मौर्या ने बताया कि मुख्य आरोपी की मौत हो चुकी है। इसके अलावा विनोद पासवान और विनेश कुमार सीआरपीएफ के आरक्षी हैं। नाथीराम यूपी पुलिस में आरक्षी है जो पीटीसी मुरादाबाद में तैनात था। राम किशन शुक्ला, रामकृपाल, सुशील कुमार मिश्रा, जितेंद्र कुमार सिंह, राजेश शाही, अमर सिंह, वंश लाल, अखिलेश कुमार पांडे, अमरेश कुमार, दिनेश कुमार, राजेश कुमार, मनीष राय, मुरलीधर शर्मा, विनोद कुमार सिंह, ओम प्रकाश सिंह, राज्य पाल सिंह, लोकनाथ, बनवारी लाल, आकाश, दिलीप राय और शंकर आरक्षी के पद पर तैनात थे।
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