पापा,अगले जन्म में बनेंगे सिपाही, अग्निवीर एग्जाम में फेल होने पर नोएडा में छात्र ने की खुदकुशी

उम्मीद के मुताबिक कामयाबी नहीं मिलने पर निराशा का स्तर भी बढ़ जाता है। लेकिन कामयाबी का बोझ अगर जिंदगी लेने के लिए विवश कर दे तो बहुत कुछ सोचने के लिए विवश होना पड़ता है। नोएडा में 22 साल के एक लड़के के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। अग्नीवीर एग्जाम में मिली नाकामी का बोझ इतनी भारी पड़ी कि वो फंदे पर लटक गया।

नोएडा में 22 साल के युवक ने की आत्महत्या

नोएडा में एक 22 साल के लड़के खुदकुशी कर इस जहां को अलविदा कह दिया। अब सवाल यह है कि आखिर उसने यह कदम क्यों उठाया। पुलिस के मुताबिक मृतक अलीगढ़ का रहने वाला था और नोएडा में रहकर सेना में भर्ती होने के लिए अग्नीवीर परीक्षा की तैयारी कर रहा था। लेकिन जब उसे कामयाबी नहीं मिली तो इतना बड़ा कदम उठा लिया। गौतमबुद्ध नगर पुलिस का कहना है कि जैसे ही जानकारी मिली वो लोग मौके पर पहुंचे और अस्पताल ले गए। मृतक के पास सुसाइड नोट बरामद हुआ और उससे पता चला कि वो अग्नीवीर एग्जाम की तैयारी कर रहा था। सुसाइड नोट में वो लिखता है कि इस जन्म तो नहीं अगले जन्म सेना में सिपाही जरूर बनेगा।

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सेक्टर 49 पुलिस स्टेशन के एसओ संदीप चौधरी ने बताया कि दीपू अपने भाइयों के साथ रह रहा था। हाल ही में आर्मी की भर्ती परीक्षा में वो बेहतर नतीजे नहीं ला सका और उस वजह से निराशा में उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया। सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि जबसे वो आर्मी के एग्जाम में शामिल हुआ तभी से उसे डर था कि पता नहीं कामयाबी मिलेगी। पापा आपको मुझसे ज्यादा उम्मीद थी लेकिन पूरी नहीं कर सका। वो पिछले कई दिनों से सो नहीं सका है। उसने सेना की जिंदगी को अपनी लाइफ माना था। अब जब वो अपने मकसद को हासिल करने में नाकाम रहा तो ऐसी जिंदगी का क्या अर्थ है। उसने कई चीजों के बारे में सोचा। लेकिन उसे उसकी कड़ी मेहनत का नतीजा नहीं मिला। उसे कुछ हासिल नहीं हुआ। वो अपने मम्मी पापा की इज्जत बढ़ाने के लिए कुछ नहीं कर सका।

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सुसाइड नोट में उसने अपने परिवार और दोस्तों का भी जिक्र किया है। दीपू के चाचा नंदकिशोर का कहना है कि जनवरी के अंत में अग्नीवीर एग्जाम के नतीजे घोषित किए गए थे। लेकिन उन लोगों ने इस तरह के कदम के बारे में नहीं सोचा था। घटना वाले दिन उसका भाई ऑफिस के लिए सुबह निकला और बाद में उसके दो और भाई काम के लिए निकल गए। दीपू के चाचा का कहना है कि वो प्रतिभाशाली छात्र था ना जाने कितने पुरस्कार उसने हासिल किए थे। यहां तक कि नतीजों के आने के बाद उसके पैरेंट्स मिलने के लिए नोएडा गए और सांत्वना भी दी।

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