मधुमेह
डायबिटीज को मधुमेह या शुगर की बीमारी भी कहा जाता है। इस स्वास्थ्य समस्या में खून में शर्करा यानी शुगर का स्तर लंबे समय तक ज्यादा रहता है। डायबिटीज की बीमारी में हमारा शरीर इंसुलिन का सही से इस्तेमाल नहीं कर पाता या फिर पैंक्रियाज ग्लैंड सही मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है। भारत में ये बीमारी बड़े पैमाने पर है और देश को वर्ल्ड कैपिटल ऑफ डायबिटीज भी कहा जाता है। रोगी को प्यास बहुत लगती है और साथ ही इसमें बहुत पेशाब भी आता है। डायबिटीज से अक्सर दिल की बीमारी, स्ट्रोक आना, किडनी से जुड़ी जटिलताएं, पैरों में अल्सर, आंखों से संबंधी समस्याएं आदि होती हैं।
Table of Content
- टाइप 2 डायबिटीज क्या है (What is Type2 Diabetes)
- टाइप 1 डायबिटीज क्या है (What is Type 1 Diabetes)
- प्री डायबिटीज (Pre diabetes)
- क्या डायबिटीज ठीक हो सकता है? (Can diabetes be cured)
- डायबिटीज के लक्षण क्या हैं? What are the symptoms of Diabetes
- डायबिटीज में किन चीजों को खाने से बचना चाहिए (What foods to avoid with diabetes)
- Type 1 and Type 2 Diabetes Difference in Hindi
- क्या डायबिटीज से वजन घट या बढ़ सकता है (Does diabetes cause weight loss or gain)
- What are 10 warning signs of Diabetes?
- डायबिटीज में कौन सा फल खाना चाहिए (which fruit is good for diabetes)
टाइप 2 डायबिटीज क्या है (What is Type2 Diabetes)
टाइप 2 डायबिटीज लंबे समय तक चलने वाली एक बीमारी है। जब आपका पैंक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है या शरीर सही तरीके इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता है या ये दोनों चीजें एक साथ होने लगें, तो टाइप 2 डायबिटीज हो जाती है। इस दिक्कत में ब्लड शुगर लेवल बढ़ा रहता है। वैसे तो इसका कोई पुख्ता इलाज नहीं है लेकिन जीवनशैली में कुछ बदलाव करके और कुछ दवाइयों की सहायता से खून में शुगर के स्तर को संतुलित रखा जा सकता है।
टाइप 1 डायबिटीज क्या है (What is Type 1 Diabetes)
टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटो-इम्यून बीमारी है जो आमतौर पर बच्चों और किशोरों में देखी जाती है। इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम इंसुलिन बनाने वाले पैंक्रियाज के बीटा सेल्स को नष्ट कर देता है। जिससे पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो शुगर को खून से सेल्स में भेजता है, ताकि इससे एनर्जी बनाई जा सके। इससे जूझने वाले व्यक्ति को इंसुलिन का रोजाना इस्तेमाल करना पड़ता है।
प्री डायबिटीज (Pre diabetes)
प्री डायबिटीज एक गंभीर स्थिति है जो तब होती है जब आपके खून में शुगर का स्तर सामान्य से अधिक होता है, लेकिन इतना अधिक नहीं होता कि उसे टाइप 2 डायबिटीज माना जा सके। अगर प्रीडायबिटिक व्यक्ति अपने जीवनशैली में कोई बदलाव नहीं करता तो ये स्थिति टाइप 2 डायबिटीज में बदल सकती है। इससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है।
क्या डायबिटीज ठीक हो सकता है? (Can diabetes be cured)
इसका सीधा जवाब है, नहीं। डायबिटीज का कोई पुख्ता इलाज नहीं है। लेकिन इसे मैनेज किया जा सकता है और स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है। जीवनशैली में बदलाव करके और दवाइयों की सहायता से टाइप 2 डायबिटीज को मैनेज किया जा सकता है। टाइप 1 डायबिटीज में भी इंसुलिन की मदद लेकर और जीवनशैली में बदलाव करके शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है।डायबिटीज के लक्षण क्या हैं? What are the symptoms of Diabetes
डायबिटीज के लक्षण इसपर निर्भर करते हैं कि ब्लड में कितना शुगर है। शुगर का स्तर ज्यादा होने पर नीचे लिखे कुछ लक्षण दिख सकते हैं।
- सामान्य से अधिक प्यास लगना।
- बार-बार पेशाब आना।
- बिना प्रयास किए वजन कम होना।
- थकावट और कमजोरी महसूस होना।
- चिड़चिड़ापन महसूस होना या मूड में बदलाव होना।
- नजर कमजोर होना।
- घाव का देर से ठीक होना।
- शरीर में बार-बार इंफेक्शन होना।
डायबिटीज में किन चीजों को खाने से बचना चाहिए (What foods to avoid with diabetes)
डायबिटीज में चीनी और कार्बोहाइड्रेट वाले खाने से बचना चाहिए साथ ही जिन खाने की चीजों में सैचुरेटेड और ट्रांस फैट, कोलेस्ट्रॉल, सोडियम की मात्रा ज्यादा है ऐसे खानों से बचना चाहिए। सीधे शब्दों में कहें तो केक-पेस्ट्री, मिठाइयां, तली हुई चीजें, व्हाइट ब्रेड, आलू, मीठे फल, फलों के रस, प्रॉसेस्ड फूड आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए।
Type 1 and Type 2 Diabetes Difference in Hindi
टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटो-इम्यून समस्या है जिसमें शरीर इंसुलिन बनाने वाले सेल्स को मार देता है जिससे जरूरत के अनुसार इंसुलिन नहीं बन पाती और ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। टाइप 2 डायबिटीज में या तो पैंक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या शरीर इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता। ये दोनों ही स्थितियां स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती हैं। इससे हृदय संबंधी रोग, किडनी रोग के साथ कई न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
क्या डायबिटीज से वजन घट या बढ़ सकता है (Does diabetes cause weight loss or gain)
डायबिटीज के कारण वजन घटने और बढ़ने दोनों समस्याएं हो सकती हैं। डायबिटीज से जूझ रहे इंसान को बार बार पेशाब के लिए जाना पड़ता है जिससे डिहाइड्रेशन होता है और कैलोरी भी लॉस होती है जिससे वजन में कमी आ सकती है। हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण मांसपेशियों का टूटना भी हो सकता है जिससे खतरनाक तरह से वजन कम हो सकता है। वहीं टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित लोगों का वजन तब बढ़ सकता है जब वे इंसुलिन लेना शुरू करते हैं। इंसुलिन एक ग्रोथ हार्मोन है और ली गई इंसुलिन की मात्रा और इंसुलिन का प्रकार वजन को प्रभावित कर सकते हैं।
What are 10 warning signs of Diabetes?
- जल्दी पेशाब आना : आपको सामान्य से अधिक पेशाब आ सकता है, विशेषकर रात में।
- अधिक प्यास : हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण आपको बहुत प्यास लग सकती है।
- धुंधली नजर: आपकी आंख के लेंस में सूजन के कारण आपको धुंधलापन महसूस हो सकता है।
- वजन घटना : बिना किसी कोशिश के वजन कम हो सकता है।
- अत्यधिक भूख : भोजन के बारे में आपके मस्तिष्क से आने वाले संदेशों के कारण आपको बहुत भूख लग सकती है।
- कमजोरी या थकान : किडनी की अतिरिक्त शुगर को निकालने के लिए अधिक समय तक काम करने के कारण आपको थकान महसूस हो सकती है।
- झनझनाहट : अतिरिक्त शुगर के कारण तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचने के कारण आपको झनझनाहट और चुभन महसूस हो सकती है।
- त्वचा की स्थिति : आपकी त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि आपकी पलकों पर या उसके आसपास पीले रंग के उभार या आपकी कमर और गर्दन की सिलवटों में बड़े और गहरे रंग के धब्बे।
- हृदय संबंधी लक्षण : आपको हाई ब्लडप्रेशर, सीने में दर्द या असामान्य हार्ट बीट का अनुभव हो सकता है।
- धीमे घाव भरना: कटने और घावों को ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।
डायबिटीज में कौन सा फल खाना चाहिए (which fruit is good for diabetes)
जिन फलों को ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो उन फलों का सेवन डायबिटीज के मरीज को करना चाहिए। सेब, स्ट्रॉबेरी, जामुन, नाशपाती, संतरा, मौसंबी, चेरी, आड़ू, बेर, कीवी, अंगूर, तरबूज और खरबूजा जैसे फल डायबिटीज का रोगी खा सकता है।
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