Gandhi Jayanti Speech: देशभक्ति शायरी व कविता से भरें हुंकार, मंच पर छा जाएंगे आप

Gandhi Jayanti Speech 2022 Hindi Tips (गांधी जयंती हिंदी भाषण 2022): 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में पूरे देश में उत्साह के साथ मनाई जा रही है। इस अवसर पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में कई बार भाषण और प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता है, अगर आप इससे जुड़ी स्पीच के टिप्स चाहते हैं तो यहां देख सकते हैं।

Gandhi Jayanti Hindi Bhashan Speech

गांधी जयंती हिंदी भाषण टिप्स

गांधी जयंती 2 अक्टूबर को मोहनदास करमचंद गांधी की जयंती के रूप में मनाई जाती है। इस दिन देश में राष्ट्रीय अवकाश भी होता है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। इस बार महात्मा गांधी की 153वीं जयंती है। गांधी जयंती मनाते हुए देश भर में और यहां तक कि विश्व स्तर पर कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं। वह पूरे देश में सत्य, अहिंसा, शांति और सद्भाव के एक प्रतीक के रूप में याद किए जाते हैं।

2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर स्कूली छात्र भाषण, निबंध लेखन और पोस्टर बनाने से संबंधित कार्यक्रमों का हिस्सा बनते हैं। छात्रों के लिए गांधी जयंती भाषण से जुड़े टिप्स यहां पर चेक कर सकते हैं।

गांधी जयंती भाषण टिप्स:

  • गांधी जयंती भाषण को छोटा रखें क्योंकि लंबा भाषण सीखने में परेशानी हो सकते है और यह ऊबाऊ भी बन सकता है।
  • गांधी जयंती भाषण को ऐसे शब्दों से न भरें जिन्हें छात्र याद ना रख पाएं।
  • इसे सरल रखें ताकि छात्र इसे सीख सकें।
  • कई बार भाषण का अभ्यास करें। शीशे के सामने खड़े होकर या परिजनों के सामने इसका अभ्यास करना अच्छा रहेगा।

गांधी जयंती के भाषण में यहां दिए गए कुछ तथ्य आपके काम आ सकते हैं।

  • हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाने वाली गांधी जयंती हमारे देश में आधिकारिक रूप से घोषित तीन छुट्टियों में से एक है।
  • महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था।
  • लोग उन्हें प्यार से बापू कहते थे और वह स्वतंत्रता के लिए लड़ने के अपने अहिंसक तरीकों के लिए जाने जाते हैं।
  • गांधी जयंती को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • गांधीजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई ब्रिटिश शासित भारत में पूरी की और फिर इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई करने चले गए।
  • दक्षिण अफ्रीका में कानून का अभ्यास करने के बाद, वह 1915 में भारत लौट आए और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बन गए।
  • उन्होंने चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया।
  • गांधी का पसंदीदा भजन रघुपति राघव राजाराम था।

इसके अलावा गांधी जी के जीवन से जुड़ी कुछ कहानियों को भी अपने भाषण का हिस्सा बनाया जा सकता है। भाषण में ज्यादा से ज्यादा आसान और दिलचस्पी से भरे फैक्ट को शामिल करेंगे तो और भी बेहतर होगा।

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Prabhash Rawat author

रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक विषयों में विशेष रुचि रखने वाले प्रभाष रावत कुछ-ना-कुछ नया सीखते रहने में विश्वास करते हैं। बीते 5 साल से ज्यादा समय ...और देखें

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