Ambedkar Jayanti 2023: इस तरह करें भाषण की शुरुआत, तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठेगा स्टेडियम
Ambedkar Jayanti 2023: देश के संविधान का मसौदा तैयार करने के अलावा डॉ बीआर अंबेडकर ने भारत के भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस साल बीआर भीमराव की 132वीं जयंती हैं।
Ambedkar Jayanti 2023: अंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti) हर साल देश में 14 अप्रैल को भीमराव रामजी अंबेडकर (Bhimrao Ramji Ambedkar) की जयंती (Birth Anniversary)के रूप में मनाई जाती है। वह एक न्यायविद, अर्थशास्त्री और दलित नेता थे, जिन्होंने भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति का नेतृत्व किया और स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में कार्य किया। डॉ बीआर अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था और उनके जन्मदिन को देश के कई हिस्सों में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है।
इन शानदार कोट्स से करें अंबेडकर जयंती भाषण की शुरुआत
देश के संविधान का मसौदा तैयार करने के अलावा डॉ बीआर अंबेडकर ने भारत के भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस साल बीआर भीमराव की 132वीं जयंती हैं। अंबेडकर जयंती पर छात्र स्कूलों में उन पर भाषण (Ambedkar Jayanti Speech) भी देते हैं। अगर आप भी स्कूल में भाषण (Ambedkar Jayanti Speech on School) देना चाहते हैं तो इन टिप्स का पालन करके आप बीआर अंबेडकर पर बेहतरीन भाषण दे सकते हैं।
अंबेडकर जयंती पर भाषण को लेकर जरूर फॉलो करें ये टिप्स:-
- अंबेडकर जयंती भाषण को छोटा रखें क्योंकि छात्र अधिक लंबा भाषण नहीं सीख पाएंगे।
- अंबेडकर जयंती के भाषण को ऐसे शब्दों से न भरें, जो छात्रों को याद न हों।
- भाषण को सरल रखें ताकि छात्र इसे सीख सकें।
हिंदी में अंबेडकर जयंती का भाषण:-
- डॉ भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन को मनाने के लिए हर साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती मनाई जाती है। उनका जन्म साल 1891 में हुआ था।
- डॉ भीमराव अंबेडकर को लोकप्रिय रूप से बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से जाना जाता था।
- बीआर अंबेडकर भारत के संविधान के निर्माता थे। उन्हें भारतीय संविधान के पिता के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि वे भारतीय संविधान के लिए मसौदा समिति के अध्यक्ष थे।
- वह दलितों या भारत के पिछड़े वर्ग के लोगों के नेता थे।
- वे स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री थे।
- वे एक समाज सुधारक थे। उन्होंने सभी भारतीयों के लिए समानता के लिए काम किया।
- 1936 में उन्होंने इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी नाम से एक राजनीतिक दल का गठन किया था।
- बीआर अंबेडकर ने 15 मई 1936 को अपनी पुस्तक एनीहिलेशन ऑफ कास्ट प्रकाशित की।
- उन्होंने भारतीय कानून और शिक्षा में बहुत योगदान दिया।
- अंबेडकर पूरे भारत में समानता और न्याय के प्रतीक हैं।
- उन्हें अप्रैल 1990 में मरणोपरांत भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
हमें पूरी उम्मीद है कि आप इन टिप्स का पालन करके अपने स्कूल में बीआर अंबेडकर पर बेहतरीन भाषण दे सकेंगे।
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पहाड़ से हूं, इसलिए घूमने फिरने का शौक है। दिल्ली-नोएडा से ज्यादा उत्तराखंड में ही मन लगता है। कई मीडिया संस्थानों से मेरी करियर यात्रा गुजरी है और मई...और देखें
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