Atal Bihari Vajpayee Jayanti Speech, Essay: गीत नया गाता हूं....कुछ इस तरह करें अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर भाषण की शुरुआत

Atal Bihari Vajpayee Jayanti Speech, Bhashan, Essay In Hindi: अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। इस बार पूरा देश अटल जी की 100वीं जयंती मनाने जा (Atal Bihari Vajpayee Speech In Hindi) रहा है। ऐसे में इस खास मौके पर हम आपके लिए अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर शानदार भाषण और निबंध लेकर आए हैं।

Atal Bihari Vajpayee Jayanti Speech: अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर शानदार भाषण और निबंध

Atal Bihari Vajpayee Jayanti Speech, Bhashan, Essay In Hindi: हर साल 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाई (Atal Bihari Vajpayee Speech) जाती है। 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी जी ने तीन बार प्रधानमंत्री की कुर्सी (Atal Bihari Vajpayee Speech In Hindi) संभाली। उन्हें साल 2015 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। वह एक कुशल राजनेता होने के साथ प्रखर वक्ता व राष्ट्रवादी (Atal Bihari Vajpayee Essay In Hindi) भी थे। यही कारण है कि जब वह बोलते थे तो लोग उनकी बातों को गंभीरता से सुनते थे।

Atal Bihari Vajpayee Speech

वाजपेयी जी को अपनी मातृभाषा हिंदी से बेहद लगाव था। अटल जी का वो भाषण आज भी काफी लोकप्रिय है जब उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंच से हिंदी में भाषण दिया था। इस बार अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती मनाई जाएगी। ऐसे में यहां हम आपके लिए अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर शानदार भाषण और निबंध लेकर आए हैं। कुछ इस तरह आप भाषण देकर लोगों को अपना मुरीद बना सकते हैं। यहां देखें अटल बिहारी वाजपेयी का भाषण।

Atal Bihari Vajpayee Speech Jayanti Speech In Hindi: अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर भाषण

आदरणीय प्रधानाचार्य जी, उप प्रधानाचार्य जी, शिक्षकगण व मेरे प्रिय साथियों को आप सभी को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। अटल जी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। बता दें सबसे पहले उन्होंने वर्ष 1996 में 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाला। लेकिन बहुमत साबित ना कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। वहीं दूसरी बार वर्ष 1998 में प्रधानमंत्री बने। हालांकि सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने के कारण 1999 में फिर आम चुनाव हुए। इसके बाद 13 अक्टूबर को वह तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और साल 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया।

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