Atal Bihari Vajpayee Poem, Kavita: मै शंकर का वह क्रोधानल...अटल बिहारी वाजपेयी की 5 अमर कविताएं

Atal Bihari Vajpayee Poem, Kavita In Hindi (अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं): हर साल 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म जयंती मनाई (Atal Bihari Vajpayee Poem In Hindi) जाती है। ऐसे में इस खास मौके पर हम अटल जी की अमर कविताएं लेकर (Atal Bihari Vajpayee Kavita Kosh) आए हैं। यहां देखें अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं और जीवनी।

Atal Bihari Vajpayee Poem, Kavita: अटल बिहारी वाजपेयी जी की 5 अमर कविताएं

Atal Bihari Vajpayee Poem, Kavita In Hindi (अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं): मै शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार क्षार। डमरू की वह प्रलय ध्वनि हूँ, जिसमे नचता (Atal Bihari Vajpayee Poem) भीषण संहार। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री महान राष्ट्रवादी, प्रखर वक्ता और फौलादी हौसला रखने वाले अटल बिहारी वाजपेयी जी से तो आप सभी (Atal Bihari Vajpayee Poem In Hindi) परिचित होंगे। उन्हें भारतीय राजनीति का भीष्म पितामह कहा जाता था।

वह एक ऐसे नेता थे जिन्हें विपक्ष भी प्यार (Atal Bihari Vajpayee Kavita) करता था। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ के इतिहास में पहली बार हिंदी में भाषण देकर देश का मान (Atal Bihari Vajpayee Poem Kadam Milakr Chalna Hoga) बढ़ाया था। अटल जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Atal Bihari Vajpayee Biography) में हुआ। अटल जी के पिता श्रीकृष्ण वाजपेयी ग्वालियर रियासत के शिक्षक थे, वह मूलरूप से आगरा के रहने वाले थे। पूरा देश इस बार अटल बिहारी की 100वीं जयंती मनाने जा रहा है। इस मौके पर हम आपके लिए अटल जी की 5 कविताएं लेकर आए हैं।

Atal Bihari Vajpayee Kavita Hindu Tan Man: हिन्दू तन–मन, हिन्दू जीवन

मै शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार–क्षार।

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