Atal Bihari Vajpayee Speech In Hindi: हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा...अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर अब तक का सबसे शानदार भाषण
Atal Bihari Vajpayee Speech, Bhashan, Kavita In Hindi (अटल बिहारी वाजपेयी भाषण): इस बार भारतवर्ष अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती मनाई जा (Atal Bihari Vajpayee Speech) रही है। ऐसे में यहां हम आपके लिए अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर शानदार भाषण लेकर (Atal Bihari Vajpayee Speech In Hindi) आए हैं। इस तरह आप अपना भाषण शुरू कर लोगों को अपना मुरीद बना सकते हैं। यहां देखें अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर अब तक का सबसे शानदार भाषण।
Atal Bihari Vajpayee Speech, Quotes In Hindi: अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर अब तक का सबसे शानदार भाषण
Atal Bihari Vajpayee Speech, Bhashan, Kavita In Hindi (अटल बिहारी वाजपेयी भाषण): हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा काल के कपाल पर लिखता (Atal Bihari Vajpayee Speech) मिटाता हूं। गीत नया गाता हूं, गीत नया गाता हूं। महान राष्ट्रवादी, प्रखर वक्ता, फौलादी हौसले, बेमिसाल अंदाज और दिल को छू लेने वाली शख्सियत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से तो आप सब (Atal Bihari Vajpayee Speech In Hindi) वाकिफ होंगे। वह भारतीय राजनीति के एक ऐसे नेता थे जिन्हें विपक्ष भी प्यार करता था। उनकी कविताओं के गूंज से संसद में बैठे विपक्षी भी तालियां बजाने के लिए मजबूर हो जाते थे।
Atal Bihari Vajpayee Speech In Hindi: अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती
अटल जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ। अटल जी के पिता श्रीकृष्ण वाजपेयी ग्वालियर रियासत के शिक्षक थे, वह मूलरूप से आगरा के रहने वाले थे। अटल जी की प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर के गोरखी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर से हुई। ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए उन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज में दाखिला लिया, जिसे आज लक्ष्मीबाई कॉलेज के नाम से जाना जाता है। यहां से उन्होंने हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में डिस्टिंक्शन व फर्स्ट डिवीजन प्राप्त किया था। इसके बाद कानपुर के डीएवी कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में एमए की डिग्री हासिल की।
यहां से एमए करने के बाद उन्होंने वकालत की पढ़ाई के लिए एलएलबी में एडमिशन लिया। हालांकि संघ के कार्यों के चलते उन्हें बीच में ही एलएलबी की पढ़ाई छोड़नी पड़ी। इस बार भारतवर्ष अटल जी की 100वीं जयंती मनाने जा रहा है। ऐसे में यहां हम आपके लिए अटल बिहारी वाजपेयी पर शानदार भाषण लेकर आए हैं। इस तरह भाषण की शुरुआत कर आप सभागार में बैठे लोगों का दिल जीत सकते हैं।
Atal Bihari Vajpayee Speech: कुछ इस तरह दें भाषण
यदि आप चाहते हैं कि आपका भाषण सुनते ही लोग कुर्सी से खड़े होकर ताली बजाने के लिए मजबूर हो जाएं तो अपने भाषण की शुरुआत अटल जी की कविता से करें। यकीन मानिए लोगों में एक अलग ही जोश देखनो को मिलेगा। साथ ही ध्यान रहे भाषण के बीच अटल जी के जीवन से जुड़ी घटनाओं का जिक्र भी करें। बिना इसके आपका भाषण अधूरा माना जाएगा।
Atal Bihari Vajpayee Kavita Hindu Tan Man
मै शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार–क्षार।
डमरू की वह प्रलय–ध्वनि हूँ, जिसमे नचता भीषण संहार।
रणचंडी की अतृप्त प्यास, मै दुर्गा का उन्मत्त हास।
मै यम की प्रलयंकर पुकार, जलते मरघट का धुँआधार।
फिर अंतरतम की ज्वाला से जगती मे आग लगा दूँ मैं।
यदि धधक उठे जल, थल, अंबर, जड चेतन तो कैसा विस्मय?
हिन्दू तन–मन, हिन्दू जीवन, रग–रग हिन्दू मेरा परिचय!
Atal Bihari Vajpayee Kavita: गीत नया गाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर
पत्थर की छाती मे उग आया नव अंकुर
झरे सब पीले पात
कोयल की कुहुक रात
प्राची मे अरुणिम की रेख देख पता हूँ
गीत नया गाता हूँ
टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी
अन्तर की चीर व्यथा पलको पर ठिठकी
हार नहीं मानूँगा,
रार नई ठानूँगा,
काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
Atal Bihari Vajpayee Kavita Kadam Milakar Chalna Hoga: कदम मिला कर चलना होगा
कदम मिला कर चलना होगा
बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
हास्य-रूदन में, तूफ़ानों में,
अगर असंख्यक बलिदानों में,
उद्यानों में, वीरानों में,
अपमानों में, सम्मानों में,
उन्नत मस्तक, उभरा सीना,
पीड़ाओं में पलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
उजियारे में, अंधकार में,
कल कहार में, बीच धार में,
घोर घृणा में, पूत प्यार में,
क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में,
जीवन के शत-शत आकर्षक,
अरमानों को ढलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
सम्मुख फैला अगर ध्येय पथ,
प्रगति चिरंतन कैसा इति अब,
सुस्मित हर्षित कैसा श्रम श्लथ,
असफल, सफल समान मनोरथ,
सब कुछ देकर कुछ न मांगते,
पावस बनकर ढलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
Atal Bihari Vajpayee Speech In Hindi: सबसे सरल व शानदार भाषण
आदरणीय प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, शिक्षकगण व मेरे प्रिय साथियों आज पूरे देश में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। इस दिन को भारतवर्ष में सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। अटल बिहारी ना केवल एक राजनीतिज्ञ थे बल्कि वह प्रखर वक्ता, महान राष्ट्रवादी कवि भी थे। आपको शायद ही पता होगा कि अटल जी को उनके करीबी रिश्तेदार व दोस्त बापजी के नाम से बुलाते थे। कहा जाता है कि अटल जी खाने के बेहद शौकीन थे। जब भी वह जनसभा करते थे तो वह काली मिर्च व मिश्री खाते थे।
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मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और श...और देखें
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