Book Review: कमजोरी को ताकत बना जीतना सिखाती है भगवंत अनमोल की किताब 'गेरबाज'

Book Review Gerbaaz by Sahitya Akademi Yuva Puraskar Winner Author Bhagwant Anmol:साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार प्राप्त कर चुके लेखक भगवंत अनमोल का नया उपन्यास 'गेरबाज' सामाजिक समस्याओं को छूने वाली एक मूल्यवान कृति है। इस उपन्यास में हकलाहट जैसी समस्या को लेकर उठने वाले सवालों और समाज के विभिन्न पहलुओं की गहराई से बात की गई है।

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Book Review Gerbaaz by Sahitya Akademi Yuva Puraskar Winner Author Bhagwant Anmol: नववर्ष 2023 की विदा के साथ नई संभावनाएं लिए वर्ष 2024 का आगाज हो रहा है। नववर्ष में उन सभी कार्यों को पूरा करने का आप संकल्प ले सकते हैं, जो 2023 में आप किसी वजह से नहीं कर सके। जिंदगी में मोटिवेशन का होना बहुत जरूरी है और ये मोटिवेशन ही है जो हमारे संकल्प को पूरा करने में मदद करती है। मोटिवेशन किसी महापुरुष से मिल सकती है, किसी व्यक्ति से भी मिल सकती है, किसी पुस्तक या फिल्म से भी मिल सकती है। आज हम जिस पुस्तक के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, वो कमजोरी को ताकत बनाकर जीतना सिखाती है।

साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार प्राप्त कर चुके लेखक भगवंत अनमोल का नया उपन्यास 'गेरबाज' सामाजिक समस्याओं को छूने वाली एक मूल्यवान कृति है। पेन्गुइन बुक्स हिंदी ने इसे प्रकाशित किया है। इस उपन्यास में हकलाहट जैसी समस्या को लेकर उठने वाले सवालों और समाज के विभिन्न पहलुओं की गहराई से बात की गई है। यह उपन्यास हमें यह सिखाता है कि जब हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सक्रिय रूप से काम करते हैं, तो हम किसी भी समस्या को कैसे पार कर सकते हैं। यह उपन्यास दिखाता है कि साहित्य कैसे समाज में सकारात्मक परिवर्तन की ओर पहल कर सकता है।

यह पुस्तक हकलाहट की समस्या पर है लेकिन जैसे जैसे आप इसके पन्ने पटलते जाएंगे ये आपको किसी भी जटिल समस्या से घिरे उस इंसान की कहानी लगने लगेगा जो हासिल तो बहुत कुछ करना चाहता है लेकिन उसके पास कोई प्रेरणा नहीं है। यह उपन्यास किसी भी कमजोरी की वजह से हतोत्साहित हो चुके युवाओं को उठने को प्रोत्साहित करती है। गेरबाज उपन्यास न केवल हकलाहट जैसी समस्या का समाधान करता है, बल्कि यह भी पथिकों को आत्मविश्वास और सकारात्मकता की ओर प्रेरित करता है।

पुस्तक में लेखक भगवंत अनमोल ने हकलाहट से जूझते राघव शुक्ला के दर्द को उकेरा है। कहानी का हीरो राघव नए आदमी या भीड़ के सामने हकलाने लगता है। लोग उसका मजाक उड़ाते हैं। संकोची और शर्मीले राघव को अपनी इस दिक्कत से कैसे निजात मिलती है और कैसे वो दूसरों के लिए प्रेरणा बनता है, यह है कहानी का सार।

बचपन से हकलाने की समस्या से ग्रस्त है राघव IAS बनने का ख़्वाब संजोए हुए है लेकिन अपने हकलाने की वजह से वह हर जगह योग्य होने के बावजूद सफल नहीं हो पाता और वो जिंदगी से हार मान लेता है। हतोत्साहित होकर वह आत्महत्या करने को निकल जाता है। गेरबाज सिर्फ एक उपन्यास नहीं है, इसे आप एक मोटिवेशनल बुक कह सकते हैं क्योंकि इस बुक में एक समस्या ली गई है और उस समस्या का समाधान बताया गया है।।

यह उपन्यास सिखाता है कि कैसे सकारात्मकता और आत्मविश्वास किसी को भी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक हो सकते हैं। ' यह एक ललक भरी कहानी है जो हमें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करती है। यह किताब उस विषय पर है जिस विषय पर अभी तक किसी भी भाषा में कोई किताब नहीं लिखी गई है।

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कुलदीप राघव author

कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बुलंदशहर जिले के छोटे से कस्बे खुर्जा का रहने वाला ह...और देखें

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