Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2023: शिवाजी महाराज की जयंती पर पढ़ें उनके छत्रपति बनने की वीरगाथा

Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2023: छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को हुआ था। आज उनके 393वीं जयंती पर हम आपको बताने जा रहें हैं कि शिवाजी महाराज को छत्रपति की उपाधि कब व कैसे मिली।

Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2023

Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2023

Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2023: मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी एक महान राजा और रणनीतिकार थे। उनका जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उनके पिता का नाम शहाजीराजे भोंसले और माता जिजाबाई था। आज उनकी 393वीं जयंती के अवसर पर हम आपको शिवाजी के छत्रपति बनने की कहानी बताएंगे।
आदिलशाह का षड्यंत्र
बीजापुर और मुगलों के खिलाफ शिवाजी के युद्ध कौशल और रणनीति को सभी ने सलाम किया। बीजापुर का शासक आदिलशाह शिवाजी महाराज की हरकतों से पहले ही आक्रोश में था। वह शिवाजी को तो पकड़ नहीं पाया लेकिन उनके पिता को बंदी बनाने का आदेश दे दिया। शिवाजी ने आदिलशाह की इस गुस्ताखी का मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने न केवल अपने पिता को कैद से मुक्त कराया बल्कि पुरंदर और जावेली के किलों पर भी कब्‍जा कर लिया।
शिवाजी को बनाया बंदी
इस घटना के बाद फिर औरंगजेब ने शिवाजी को पकड़ने का षड्यंत्र रचा। उसने जयसिंह और दिलीप खान को पुरंदर संधि के लिए शिवाजी के पास भेजा। जिसके बाद शिवाजी को मुगल शासक को 24 किले देने पड़े। औरंगजेब ने इसके बाद शिवाजी को आगरा बुलाकर धोखे से कैद कर लिया लेकिन शिवाजी कुछ ही दिनों में जेल से भाग निकले।
मिली छत्रपति की उपाधि
शिवाजी समझ गए कि औरंगजेब ने संधि के नाम पर उनके साथ छल किया है। उन्होंने अपने पराक्रम के बल पर औरंगजेब की सेना को मात दी और सभी 24 किलो पर दोबारा कब्जा कर लिया। उनकी इस बहादुरी के बाद 6 जून 1674 को रायगढ़ किले में उनका राज्याभिषेक हुआ और वह छत्रपति बनें।
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